डुमरांव में 11162 हेक्टेयर में पूरी हुई गेहूं की कटनी

प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में गेहूं की कटाई का काम पूरा हो चूका है. गेहूं की कटाई होने के बाद अधिकतर किसान जरूरत के अनुसार अपने अनाज की बिक्री कर चुके है और कुछ किसान कर भी रहे हैं

By Prabhat Khabar News Desk | May 3, 2024 9:50 PM

डुमरांव. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में गेहूं की कटाई का काम पूरा हो चूका है. गेहूं की कटाई होने के बाद अधिकतर किसान जरूरत के अनुसार अपने अनाज की बिक्री कर चुके है और कुछ किसान कर भी रहे हैं. डुमरांव में इस बार 11162 हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गयी थी, इस संबंध में कृषि समन्वयक राजीव रंजन ने बताया कि इस बार प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में 11162 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती का लक्ष्य रखा गया था, जिसकी कटनी का काम पूरा हो चूका है. उन्होंने बताया कि गेहूं की कटाई के बाद अब ढैंचा की खेती को लेकर किसानों के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चालू है. इसको लेकर अब तक करीब 400 किसानों ने ढैंचा की बीज को लेकर आनलाइन आवेदन किया है. उन्होंने बताया कि धान की खेती के दो माह पहले खेतों में ढैंचा की बुआई की जाती है. साथ ही बताया कि ढैंचा एक प्रकार की हरी खाद है जो नाइट्रोजन की मात्रा को कम कर देती है साथ ही खेत की उर्वराशक्ति को बढाता है और मिट्टी की गुणवत्ता की सुधार करता है. उन्होंने बताया कि जिस खेत में ढैंचा लगाया जाता है. उसमें यूरिया का प्रयोग कम होता है. 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की जरुरत होती है. ढैंचा हर तरह के जलवायु व मिट्टी पर उग सकता है. धान की रोपाई से पहले जुताई करा ढैंचा को खेतों में गला दिया जाता है. ढैंचा में नाइट्रोजन के साथ आर्गेनिक कार्बन, फॉस्फोरस, पोटास सहित तेरह तरह के तत्व पाए जाते हैं. इसके प्रयोग से खेती की लागत भी कम हो जाती है. कृषि समन्वयक ने बताया कि ढैंचा का बीज 80 फीसदी अनुदान पर किसानों को मिलेगा, 35 किंवटल बीज का आवंटन प्राप्त हुआ है. प्रत्येक किसान को अधिकतम दो एकड़ के लिए 16 किलो बीज दिया जायेगा. वही इलाके किसान गेहूं की कटाई पूरी होने के बाद अब धान के बीज खेतों डालने के लिए रोहिणी नक्षत्र का इंतजार कर रहे हैं.

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