Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बिहार पुलिस की गिरफ्त में आया स्प्रिट तस्कर विश्वनाथ साह अपने नौकरों के नाम पर खाता खोल कर उसमें शराब के धंधे से अर्जित रुपये मंगाता था. पूर्व में उसका दो बैंक खाता सीज हो चुका है. इस नुकसान से बचने के लिए उसने नया तरीका निकाला है. हालांकि इसकी भी भनक पुलिस को लग गयी है. मोतीपुर व सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर के सामने स्थित निजी बैंक में उसका बैंक खाता था. शराब मामले में पुलिस ने जांच के दौरान उसके बैंक खाते को सीज कर दिया था.
इसके अलावा व ट्रक सहित अन्य गाड़ी भी दूसरे के नाम से खरीद कर शराब के धंधे में प्रयोग करता है. वह झारखंड से शराब व स्प्रिट की खेप मांगाता है. पुलिस की पूछताछ में उसने इन सारी बातों की जानकारी दी है. उसके साथ गिरफ्तार नीरज कुमार उसका काफी विश्वासी है. नीरज के दो बैंक खाता की जानकारी पुलिस को मिली है, जिसे विश्वनाथ हैंडल करता है. इन खाता पर वह शराब के धंधे से अर्जित रुपये मांगाता है. पुलिस विश्वनाथ साह के पैन कार्ड से अब उसके बैंक खाता की जानकारी जुटा रही है.
मुजफ्फरपुर जिले के सिटी एसपी राजेश कुमार ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सदर पुलिस ने परमानंदपुर से स्कॉपियो सवार मोतीपुर पुरानी बाजार निवासी विश्वनाथ साह, नीरज कुमार व दरभंगा जिले के सिंघवारा थाना के ढकनियां निवासी राजेश रौशन को गिरफ्तार किया है. तीनों को एनडीपीएस एक्ट के मामले में जेल भेजा जायेगा. वहीं, अन्य कांडों में रिमांड किया जायेगा.
फाइलों में ही दब कर रह गयी विश्वनाथ की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई
विश्वनाथ साह की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई फाइलों में ही दबी है. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2016 में तत्कालीन एसएसपी रंजीत मिश्र ने विश्वनाथ साह की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन यह फाइलों में ही दब कर रह गया. पुलिस सूत्रों की मानें, तो विश्वनाथ के पास करोड़ों की संपत्ती है. उसने शराब और स्प्रिट के धंधे से अर्जित की है.
दो माह पूर्व नवादा जेल से छूटा था विश्वनाथ
जानकारी के अनुसार विश्वनाथ साह नवादा जेल से में बंद था. वह दो माह पूर्व ही जेल से छूटा है. जेल से बाहर निकलने के बाद वह शराब व स्प्रिट के धंधे में उतर गया था. मुजफ्फरपुर सदर थानेदार सत्येंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि विश्वनाथ पर मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, झारखंड के विभिन्न थानों में 25 से अधिक केस दर्ज है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर उत्पाद में भी उसके विरुद्ध अभियोग दर्ज है. वह झारखंड के हजारीबांग में अपना ठिकाना बना चुका था.
Posted by: Radheshyam Kushwaha