बिहार में पंचायत व कृषि विभाग में 826 पदों पर होगी बहाली, कैबिनेट से मिली मंजूरी
मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 25 एजेंडों पर सहमति दी गयी है. इस बैठक में पंचायती राज विभाग में 675 व भूमि संरक्षण निदेशालय पटना के अधीन 151 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी है.
बिहार में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में 675 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल 25 एजेंडों पर सहमति दी गयी है.
पंचायत व कृषि विभाग में 826 पदों पर होगी बहाली
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में लिपिकीय संवर्ग नियमावली 2018 के गठन के बाद क्षेत्रीय कार्यालय में लिपिक संवर्ग के विभिन्न पद सोपान के पूर्व से सृजित पदों के अतिरिक्त 675 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी. इसमें 593 निम्नवर्गीय लिपिक, 42 उच्च वर्गीय लिपिक, 31 प्रधान लिपिक और नौ कार्यालय अधीक्षक के पद शामिल हैं. इसी प्रकार से भूमि संरक्षण निदेशालय पटना के अधीन 151 नये पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी गयी है. इस प्रकार मंगलवार को कैबिनेट ने कुल 826 पदों पर बहाली की स्वीकृति दी है.
सभी कार्यालयों में बनेगा पालना घर
डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि कामकाजी महिलाएं को अपने पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को कार्यस्थल पर रखने की असुविधा को देखते हुए उनके कार्यस्थल परिसर में पालना घर संचालित किया जायेगा. इससे कामकाजी महिलाएं अपने बच्चों की आवश्यकता मातृत्व संबंधी जिम्मेवारियों के निर्वहन करते हुए अपने कर्तव्य का पलन कर सकेंगी. मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत पालना घर के संचालन पर पूर्व से निर्धारित दर में भी बढ़ोत्तरी की गयी है. अब आठ लाख 52 हजार की दर से पालना घर की स्थापना और संचालन किया जायेगा.
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अंतरविभागीय हस्तांतरण की स्वीकृति दी गयी
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय सबौर के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य के लिए 72.32 करोड़ की योजनाओं की स्वीकृति दी है. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में पांच करोड़ की निकासी और व्यय करने की स्वीकृति दी गयी. सहायक इंजीनियर अब एक लाख की जगह 25 लाख की योजना की तकनीकी स्वीकृति दे सकेंगे जबकि कार्यपालक अब 3.5 लाख की जगह पर 50 लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति देंगे.