कैबिनेट की बैठक में 35 एजेंडों पर लगी मुहर, पंचायत चुनाव में कोरोना से मौत होने पर राज्य कर्मियों को मिलेगा 30 लाख का अनुदान
बिहार में नीतीश सरकार ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान राज्य कर्मियों को कोरोना से मौत होने पर 30 लाख रुपये का अनुदान देने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 35 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी.
पटना. बिहार में नीतीश सरकार ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान राज्य कर्मियों को कोरोना से मौत होने पर 30 लाख रुपये का अनुदान देने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 35 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. कैबिनेट द्वारा पंचायत आम चुनाव 2021 को ध्यान में रखते हुए मतदान कर्मियों के अनुग्रह अनुदान की राशि को विधानसभा चुनाव के अनुरूप करने पर सहमति दे दी. अब पंचायत चुनाव में कर्तव्य निर्वहन के दौरान कोविड 19 से किसी भी कर्मी की मृत्यु होने पर सरकार द्वारा 30 लाख का अनुग्रह अनुदान उनके निकट आश्रितों को दिया जायेगा.
इसके अलावा चुनावी ड्यूटी के दौरान सामान्य मौत, नक्सली हिंसा में मृत्यु या अस्थायी अपंगता होने पर भी अनुग्रह अनुदान की राशि की स्वीकृति दी गयी है. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकार द्वारा प्रतिनियुक्त किसी भी मतदान कर्मी की सामान्य अवस्था में मौत होती है तो उसके निकट आश्रित को 15 लाख का अनुग्रह अनुदान दिया जायेगा.
इसके अलावा पंचायत चुनाव में प्रतिनियुक्त कर्मियों की उग्रवादी या असामाजिक तत्वों की हिंसात्मक कार्रवाइयों जैसे रोड माइंस, बम विस्फोट, सशस्त्र आक्रमण आदि में मृत्यु होने पर 30 लाख का अनुग्रह अनुदान दिया जायेगा. अस्थायी रूप से विकलांग होने यानी कि अंग भंग होने या अंधापन होने पर साढ़े सात लाख का मुआवजा दिया जायेगा जबकि उग्रवादी या असामाजिक तत्वों की हिंसात्मक कार्रवाई में इस प्रकार की विकलांगता होने पर अनुग्रह अनुदान की राशि दोगुनी यानी की 15 लाख दी जायेगी.
उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान हिंसात्मक घटनाओं में इस प्रकार का लाभ पीठासीन पदाधिकारियों, मतदान पदाधिकारियों, दंडाधिकारियों, चौकीदार, ग्राम रक्षा दल, चालक, पुलिस पदाधिकारी, आरक्षी कर्मी, गृह रक्षक और केंद्रीय सुरक्षा बलों को दिया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha