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कैबिनेट का फैसला: पटना के तीन प्रखंडों में मध्याह्न भोजन योजना का जिम्मा अब इस्कॉन को

राज्य में पंचायत स्तर पर अधूरी पड़ी नली-गली योजना को पूरा करने के लिए 656 करोड़ रुपये दिये गये हैं. राज्य सरकार ने इन रुपयों को ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान कर दी है.

पटना. राज्य में पंचायत स्तर पर अधूरी पड़ी नली-गली योजना को पूरा करने के लिए 656 करोड़ रुपये दिये गये हैं. राज्य सरकार ने इन रुपयों को ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान कर दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस दौरान 18 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार भी कैबिनेट की बैठक ऑनलाइन ही आयोजित की गयी थी.

इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पटना जिला के तीन प्रखंडों पटना सदर, दानापुर और फुलवारीशरीफ के सभी सरकारी स्कूलों में चलने वाले मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) का संचालन अब बेंगलुरु की अक्षय पात्रा फाउंडेशन और पटना का इस्कॉन चैरिटेबल ट्रस्ट करेगा. बिहार में यह पहला मौका है, जब किसी स्थान पर एमडीएम योजना के संचालन का जिम्मा इस्कॉन को सौंपा गया है.

पटना तारामंडल का होगा आधुनिकीकरण

पटना तारामंडल का आधुनिकीकरण होगा. आधुनिक ऑप्टिकल टेलिस्कोप लगाने और अन्य सिविल वर्क समेत सभी जरूरी कार्य के लिए नेशनल कॉउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में चयन किया गया है. परामर्शी शुल्क के तौर पर पूंजीगत लागत का 20 प्रतिशत यानी छह करोड़ दिया जायेगा. सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण पर 36 करोड़ 13 लाख की लागत आयेगी.

आठ केंद्रीय जेलों में बनेगा महिला बैरक

राज्य के आठ केंद्रीय जेलों में 50 क्षमता का एक पुरुष और 30 क्षमता का एख महिला बैरक का निर्णय कराया जायेगा. इसके लिए 32 करोड़ 56 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी है. वहीं, 14 मंडल कारा में 30 क्षमता और 20 क्षमता का एक बैरक का निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए 42 करोड़ 14 लाख रुपये का आवंटन किया गया है. इसके अलावा सभी जिलों में एएनएम की बहाली की जायेगी, ताकि जेलों में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके.

इन एजेंडों पर मुहर

  • 1. कटिहार में स्टॉम वाटर ड्रेनेज योजना के फेज-1 के कार्य के लिए 220 करोड़ रुपये की मंजूरी – बिहार वेब मीडिया नियमावली-2021 को मिली स्वीकृति. इसके तहत बेव चैनलों या न्यूज पोर्टल को भी मिलेगा सरकारी विज्ञापन.

  • 2. औरंगाबाद जिला के वारूण अंचल के विभिन्न मौजा और थाना के तहत 1.95 एकड़ जमीन डीएफसीसीआईएल परियोजना निर्माण के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (रेल मंत्रालय) को हस्तानांतरण की मंजूरी.

  • 3. रबी विपणन मौसम में गेहूं की अधिप्राप्ति के लिए बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को विभिन्न व्यावसायिक बैंकों या वित्तीय संस्थानों से एक हजार करोड़ का ऋण लेने के लिए राज्य सरकार देगी गारंटी.

  • 4. कृषि विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना, एकीकृत बीज ग्राम योजना, मिनीकिट योजना और बीज वितरण कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 90 करोड़ 48 लाख की मंजूरी दी गयी है.

कोरोना से अनाथ बच्चों की सहायता के लिए खास योजना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए बाल सहायता योजना नाम से एक विशेष योजना की घोषणा को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. जिन बच्चों के माता-पिता निधन हो गया है और माता-पिता में किसी एक का निधन कोरोना हुआ हो, तो ऐसे बच्चों को डेढ़ हजार रुपये महीना 18 वर्ष की आयु तक दिया जायेगा. समाज कल्याण विभाग के तहत इस योजना का संचालन होगा. इसके संचालन के लिए बजट को मंजूरी दी गयी है.

Posted by Ashish Jha

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