CAG की रिपोर्ट : इंडो-नेपाल सीमा पर पांच साल में बनी महज 25 किमी सड़क, देरी से बढ़ी 1375 करोड़ लागत
राज्य सरकार के सामान्य (या सामाजिक क्षेत्र), राजस्व और पीएसयू से संबंधित सीएजी की रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा में पेश की गयी. बाद में एजी राम अवतार शर्मा ने महालेखाकार के मुख्य कार्यालय सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी स्थिति स्पष्ट की.
पटना. राज्य सरकार के सामान्य (या सामाजिक क्षेत्र), राजस्व और पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) से संबंधित सीएजी की रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा में पेश की गयी. बाद में एजी राम अवतार शर्मा ने महालेखाकार के मुख्य कार्यालय सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी स्थिति स्पष्ट की.
उन्होंने कहा कि 1751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा का 729 किमी लंबा हिस्सा बिहार में है. इस सीमा के समानांतर 564 किमी सड़क बनाने की मंजूरी वर्ष 2014 में मिली थी और दिसंबर, 2022 तक इसका काम पूरा होना था, लेकिन अक्तूबर, 2020 तक महज 25 किमी सड़क ही बन पायी थी, जो कुल प्रोजेक्ट का सिर्फ 4.38% है.
इसके जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामले में बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आयी है. 2759 एकड़ जमीन की जरूरत है, जिसमें 2497 एकड़ यानी 91% जमीन का अधिग्रहण हो गया है. लेकिन, अधिगृहीत जमीन का मालिकाना हक सरकार को ट्रांसफर नहीं किया गया है.
सात जिलों में जमीन का म्यूटेशन अब तक नहीं हुआ है. इससे म्यूटेशन का खर्च में 1375 करोड़ रुपये बढ़ गये. पहले इसमें 886 करोड़ रुपये खर्च होते, जबकि अब इस पर 2244 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे. पूर्वी चंपारण में इस प्रोजेक्ट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. इसके अलावा कुछ स्थानों पर जिला भूमि अधिग्रहण पदाधिकारी के स्तर से जमीन का गलत वर्गीकरण करने के कारण 104 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को हुआ है.
45.36 करोड़ रुपये का भुगतान बिना जमीन का वेरिफिकेशन किये कर दिया गया है, जबकि 20.84 करोड़ रुपये की निकासी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर ली गयी है. इसका ठेका लेने वाली कंपनी को 92 करोड़ रुपये एडवांस दे दिया गया, लेकिन उसने इससे संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) अब तक जमा ही नहीं किया है.
इस भारत-नेपाल सड़क परियोजना में कई स्थानों पर बिना एलाइनमेंट तय किये ही डीपीआर तैयार कर दी गयी. कई स्थानों पर चेकपोस्ट से सड़क काफी दूर बना दी गयी है. इस सड़क पर कुल 121 पुल बनने हैं, जिनमें 101 का काम पूरा हो गया है. 20 का काम चल रहा है. 23 पुल ऐसे बनाये गये हैं, जिनमें एप्रोच सड़क नहीं बनने के कारण ये किसी काम के नहीं रहे. कई पुल सड़क के एलाइनमेंट से एकदम अलग हैं.
Posted by Ashish Jha