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बिहार के 14 जिलों में खुलेंगे कैंसर डिटेक्शन सेंटर, होगी आरंभिक लक्षण वाले रोगियों की पहचान

राज्य में हर साल कैंसर के रोगियों की संख्या में एक लाख 40 हजार का इजाफा हो रहा है. टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई और राज्य सरकार की पहल से राज्य के 14 जिलों में कैंसर डिटेक्शन सेंटर खोले जायेंगे, जहां आरंभिक लक्षण वाले रोगियों की पहचान की जायेगी.

पटना. विश्व कैंसर दिवस के मौके पर गुरुवार को राज्य में एक नये अभियान की शुरुआत की गयी. राज्य में हर साल कैंसर के रोगियों की संख्या में एक लाख 40 हजार का इजाफा हो रहा है. अब टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई और राज्य सरकार की पहल से राज्य के 14 जिलों में कैंसर डिटेक्शन सेंटर खोले जायेंगे, जहां आरंभिक लक्षण वाले रोगियों की पहचान की जायेगी.

पहले फेज में राज्य के चार जिलों मुजफ्फरपुर, सीवान, भोजपुर और सीवान में इसकी शुरुआत की जा रही है. शेष अन्य जिले वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, बेगूसराय, पटना, गया, औरंगाबाद और भागलपुर में कैंसर मरीजों की आरंभिक जांच 15 दिनों में शुरू कर दी जायेगी.

बिहार में पहली बार कैंसर की टीम गांव में जाकर समाज के लोगों से कैंसर के लक्षणों की जानकारी लेगी और उनका रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में कैंसर रोगियों के रजिस्ट्रेशन का डेटा भी संग्रहित करने की शुरुआत कर दी गयी. इस कार्य के लिए केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा साढ़े चार करोड़ की राशि सीआरएस के तहत दी गयी है.

एमओयू पर हस्ताक्षर

आरंभिक लक्षण वाले कैंसर मरीजों की पहचान के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने कहा कि कैंसर मरीजों की शुरुआती दौर में पहचान हो जाये तो 25 प्रतिशत मौत को रोका जा सकता है.

इस अभियान में सहयोग के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की ओर से एक कैंसर स्क्रीनिंग एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. एंबुलेंस के माध्यम से गांव के लोगों की कैंसर की पहचान करने में मदद मिलेगी. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति व इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बीच गुरुवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया.

कैंसर की ली जायेगी जानकारी

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि सात लोगों की टीम गांव में जाकर लोगों से कैंसर के बारे में जानकारी लेगी और उनकी जांच की जायेगी. यह काम सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को किया जायेगा.

शेष दो दिन बुधवार और शनिवार को कैंसर टीम अस्पताल में वैसे मरीजों की जांच भी करेगी जिनमें कैंसर के लक्षण पाये जायेंगे. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर के उच्चस्तरीय सेंटर टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ 14 जिलों के केंद्रों को टेलिमेडिसिन से जोड़ा जायेगा.

रोका जा सकता है सर्विक्स कैंसर

टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि हर घर में शौचालय के इस्तेमाल करने सर्विक्स कैंसर को रोका जा सकता है. महिलाओं में कैंसर से होनेवाले मौत का सबसे बड़ा कारण सर्विक्स कैंसर है.

इस प्रकार का कैंसर महिलाओं के यौन अंगों की स्वच्छता से जुड़ा हुआ है. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार , एइडी करुणा कुमारी और अपर सचिव कौशल किशोर व डाॅ रविकांत के साथ अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

Posted by Ashish Jha

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