प्राचीन इतिहास से PG करने वाले उच्च माध्यमिक स्कूलों में नहीं बन पाएंगे शिक्षक, जानें क्या है मामला
Bihar Teachers vacancy: शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर करने वाले अभ्यर्थी प्रदेश के सरकारी उच्च माध्ममिक में शिक्षक नहीं बन सकते हैं. इसको लेकर विभाग ने आदेश जारी कर दिये हैं. पढ़ें पूरी खबर....
पटना: शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर करने वाले अभ्यर्थी प्रदेश के सरकारी उच्च माध्ममिक में शिक्षक नहीं बन सकते हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने इस आशय के आदेश सभी नियोजन इकाइयों को जारी कर दिये हैं.
छठे चरण के शिक्षक नियोजन के संदर्भ में लिया गया है निर्णय
यह आदेश छठे चरण के शिक्षक नियोजन के संदर्भ में आया है. हालांकि शिक्षा विभाग का यह निर्णय अगले सभी नियोजन में समान रूप से मान्य किया जायेगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक खगड़िया जिला परिषद के अपर समाहर्ता सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने इस संदर्भ में शिक्षा विभाग से मार्ग दर्शन मांगा था.
विशेषज्ञों की समिति ने दी थी राय
मार्गदर्शन में पूछा था कि प्राचीन इतिहास से स्नातकोत्तरधारी उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक बन सकते हैं या नहीं. मार्गदर्शन पर निर्णय लेने से पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से राय मांगी गयी. कुछ विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों की समिति ने इस पर राय दी कि प्राचीन भारतीय इतिहास, इतिहास विषय का एक मात्र हिस्सा है.
प्राचीन भारतीय इतिहास को नहीं माना जाता है पूर्ण इतिहास
चूंकि इतिहास विषय में प्राचीन, मध्य और आधुनिक कालीन आदि सभी समय का इतिहास पढ़ाना होता है. इसलिए केवल प्राचीन भारतीय इतिहास को पूर्ण इतिहास नहीं माना जा सकता है. जानकारी हो कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इतिहास विषय में अलग-अलग पाठ्यक्रम हैं.