BPSC Teacher Recruitment Exam 2023: बिहार में बीपीएससी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर ली गई परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. लेकिन अभ्यर्थी इसमें हेराफेरी, फर्जीवाड़ा और कई तरह की त्रुटियां होने का आरोप लगा रहे हैं. इसी को लेकर भारी संख्या में अभ्यर्थी शुक्रवार को पटना में बीपीएससी दफ्तर पहुंचे. इसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आये शिक्षक अभ्यर्थी शामिल थे. कई अभ्यर्थी आयोग के गेट के सामने बैठकर नारेबाजी भी कर रहे थे. प्रदर्शन के दाैरान बीपीएससी ने अपने गेट को बंद कर दिया था. अभ्यर्थी बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद से मिल कर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाह रहे थे. लेकिन वो उपस्थित नहीं थे. ऐसे में अभ्यर्थियों ने अपनी सात सूत्री मांगों का ज्ञापन आयोग के सचिव को सौंपा.
दूसरी लिस्ट जारी करने की मांग
शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना था कि जारी रिजल्ट में लगभग 40000 नियोजित शिक्षकों का रिजल्ट दिया गया है. ऐसे में बेरोजगार अभ्यर्थियों को जितनी नौकरी मिलनी चाहिए उतनी तो मिली नहीं. वहीं इस परीक्षा में कई ऐसे अभ्यर्थी भी पास कर गए हैं जो सीटेट में अपीयरिंग कैंडीडेट थे और वो उस परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाये हैं. अब ऐसे में ये सीटें खाली न रह जाएं इसलिए आयोग को एक दूसरी लिस्ट जारी कर सभी पदों को भरना चाहिए.
अभ्यर्थियों की मांग
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जनरल/ओबीसी/एससी/एसटी/ईडब्ल्यूएस के कट ऑफ मार्क्स जारी किए जाएं
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सभी श्रेणियों के लिए प्रतीक्षा सूची जारी की जाए
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एक अभ्यर्थी को एक से ज्यादा सीट मिलने पर रिजल्ट का पूरा डेटा प्रकाशित किया जाए
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1 लाख 70 हजार में से सिर्फ 1 लाख 20 हजार का ही रिजल्ट क्यों प्रकाशित हुआ?
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STET19 में जिसका विषय संयोजन नहीं है, जो अपियर है उससे बाहर किया जाए.
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सभी अभ्यर्थियों के स्कोर कार्ड प्रकाशित किये जायें
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कितने नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण हुए इसका पूरा डाटा प्रकाशित किया जाये
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परीक्षा में उत्तीर्ण नये अभ्यर्थियों की सूची भी प्रकाशित की जाये
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एक कैंडिडेट का एक से अधिक रिजल्ट देना उचित नहीं
एक कैंडिडेट का एक से अधिक रिजल्ट उचित नहीं
अभ्यर्थियों का कहना है कि जारी परिणाम में एक कैंडिडेट का दो जगह चयन होने से कट ऑफ हाई हो जायेगा. इस वजह से कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं होगा. बीएड वालों पर रोक के कारण प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति से पहले ही अलग हो चुके हैं. अब माध्यमिक में भी चयन नहीं होगा. पहले बीपीएससी अध्यक्ष ने खुद कहा था कि एक कैंडिडेट का एक ही परीक्षा में रिजल्ट दिया जायेगा, जबकि बुधवार को उन्होंने एक कैंडिडेट का एक से अधिक रिजल्ट देने की बात भी कही. यह उचित नहीं है और इससे कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं होगा . बीएड नहीं होने से एक से पांच कक्षा में पढ़ाने के लिए हमें लिया नहीं, मध्य विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति हो नहीं रही है. 11वीं -12वीं में पीजी नहीं होने से हम दे नहीं सकते हैं. ऐसे में माध्यमिक विद्यालयों में भी नहीं हुआ, तो हम क्या करेंगे.
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कल भी वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग को लेकर किया गए आठ प्रदर्शन
वहीं इससे पहले गुरुवार को भी वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग को लेकर बीपीएससी कार्यालय के सामने शिक्षक अभ्यर्थियों ने धरना दिया था. इसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आये शिक्षक अभ्यर्थी शामिल थे. वे पहले बीपीएससी अध्यक्ष द्वारा की गयी घोषणा का हवाला देते हुए वन कैंडिडेट वन रिजल्ट की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि एक से अधिक श्रेणियों में एक कैंडिडेट का रिजल्ट आने से अंतत: बड़ी संख्या में पद खाली रह जायेंगे, क्योंकि एक कैंडिडेट एक ही पद पर योगदान दे पायेगा, जबकि इसके कारण बड़ी संख्या में उन जैसे अभ्यर्थी चयनित होने ओर नौकरी पाने से वंचित रह जायेंगे. इससे बचने के लिए वे 10वीं-11वीं के शिक्षकों का योगदान होने के बाद नौंवी और 10वीं का रिजल्ट उन शिक्षकों की उम्मीदवारी को रद्द करते हुए निकालने की मांग कर रहे थे, जिन्होंने चयन के बाद उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक के रूप में योगदान कर दिया हो. इसी तरह माध्यमिक शिक्षकों के योगदान देने के बाद उनको मेघा सूची से अलग कर प्राथमिक शिक्षकों का रिजल्ट निकालने की बात कह रहे थे. इसके साथ ही कुछ अभ्यर्थी अपने से कम अंक वाले अभ्यर्थियों के चयनित हो जाने और खुद का चयन नहीं होने की बात कहते हुए चयन प्रक्रिया पर सवाल भी उठा रहे थे.