ऑटोमोबाइल सेक्टर में इस वर्ष ऐसी गाड़ियां आयेंगी, जिन्हें ड्राइवर तो चलायेंगे, लेकिन गाड़ियों के अंदर एक मास्टर ड्राइवर डिवाइस भी होगा, जो ड्राइवर पर निगरानी रखेगा. इसका आविष्कार विभिन्न देशों के 18 सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों ने मिल कर किया है. इसका नेतृत्व शहर के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर सत्यकाम शाश्वत कर रहे थे. इसकी टेस्टिंग हो चुकी है. सरकार की अनुमति के बाद ऑटोमोबाइल कंपनियां इस डिवाइस का उपयोग करेंगी. इसकी कीमत को कारों में लगा यह डिवाइस चालक की आंखों की पुतलियों और स्टीयरिंग के संचालन से पता लगा लेगा कि ड्राइवर नशे में है या नहीं.
गर्दन की हरकतों से ड्राइवर की नींद का चलेगा पता
गर्दन की हरकतों से अनुमान लगा लेगा कि ड्राइवर ऊंघ रहा है या नहीं. ऐसी स्थिति में डिवाइस गाड़ी की गति स्वयं कम करेगा और इसे सड़क किनारे ले जाकर पार्क कर देगा. साथ ही कंट्रोल रूम को सूचना देगा कि फलां नंबर की गाड़ी इस लोकेशन पर स्वचालित रूप से रोक दी गयी है. ड्राइवर इसके बाद गाड़ी को आगे नहीं बढ़ा पायेगा और इस डिवाइस द्वारा कंट्रोल को भेजे गये पासवर्ड से ही यह गाड़ी फिर स्टार्ट होगी. सत्यकाम शाश्वत पुरानी बाजार के रहने वाले हैं.
गरीबनाथ मंदिर के पुजारी परिवार के सदस्य हैं सत्यकाम
सत्यकाम शाश्वत गरीबनाथ मंदिर के पुजारी परिवार के सदस्य पं. कमल पाठक के पुत्र हैं. मणिपाल से इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड में बीटेक करने के बाद वह लंदन के कैंब्रिज ब्रांडबैंड नेटवर्क लिमिटेड में कार्यरत थे. कुछ वर्ष पुणे स्थित एक कंपनी में कार्यरत हैं. सत्यकाम ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की सफलता से खुश हूं. मास्टर ड्राइवर का कंट्रोल रूम निकटतम पुलिस स्टेशन या परिवहन विभाग सहित किसी अन्य विभाग को बनाया जा सकता है. एक ऑटोमोबाइल कंपनी ने इस डिवाइस को तैयार कराया है. मास्टर ड्राइवर ने गाड़ियों को पार्किंग कर बंद कर दिया तो कंट्रोल रूम से पासवर्ड बताने के बाद ही स्टार्ट किया जा सकेगा. जिन गाड़ियों को मास्टर ड्राइवर रोकेगा, उसका डाटा कंट्रोल रूम के पास स्टोर हो जायेगा.