भभुआ सदर . जिले में नीली क्रांति को सफल बनाने के लिए मत्स्य विभाग ने पहल की है. अब मत्स्य पालन के लिए नये तालाब खुदवाने वालों को 30 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा. यानी एक किसान को दो हेक्टेयर में नया तालाब खुदवाने पर अधिकतम सात लाख रुपये तक का मत्स्य विभाग अनुदान देगा.
नया तालाब खुदवाने वाले एसटी, एससी वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा. इसके साथ ही चयनित किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण देने के लिए विभाग उन्हें बाहर भी भेजेगा.
इस योजना का लाभ पाने के लिए बस किसानों को जिला मत्स्य पालन विभाग को आवेदन देना होगा. आवेदन मिलने के बाद विभागीय पदाधिकारी मौके पर जाकर जमीन के रकबा की जांच करेंगे. अगर सब कुछ सही मिला तो आवेदन को चयनित कर अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
दरअसल, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. अब इन योजनाओं में एक और केंद्र प्रायोजित योजना को जोड़ दिया गया है, ताकि मत्स्य पालन की ओर किसानों को या प्रवासी बिहारियों को बढ़ावा दिया जा सके.
नयी योजना के तहत अति पिछड़े वर्ग के लोगों को तालाब खुदवाने पर 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा. पिछड़े वर्ग के वैसे लोग जिनके पास जमीन नहीं है, वे जमीन लीज पर लेकर तालाब का निर्माण करा सकते हैं. इसके लिए जमीन का कम-से-कम नौ साल का एग्रीमेंट जरूरी होगा.
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जिला मत्स्य विभाग को आवेदन
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आवेदन के साथ जमीन के कागजात की छायाप्रति
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दो हेक्टेयर में नया तालाब बनाने के लिए मिलेगा अनुदान
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सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम सात लाख रुपये तक अनुदान
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एससी-एसटी वर्ग के आवेदक को मिलेगा 70 प्रतिशत अनुदान
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जमीन का निरीक्षण करने के बाद विभाग देगा स्वीकृति
इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए नये तालाबों के निर्माण के लिए योजना शुरू की गयी है. इसके लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है.
कोई भी किसान मत्स्य पालन के लिए नये तालाब का निर्माण कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. अप्रैल माह से लाभ प्राप्त करनेवाले लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के तहत चयनित मत्स्य पालकों में से तीस का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा.