बिहार के सात पूर्व जिला खाद्य प्रबंधकों के खिलाफ चलेगा मुकदमा, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

बिहार के सात पूर्व जिला खाद्य प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है. इन सभी अफसरों पर 25 से 30 करोड़ रुपये मूल्य के चावल के गबन का आरोप है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 23, 2022 6:31 AM
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कौशिक रंजन/पटना. राज्य में 2012-13 में हुए धान खरीद घोटाले में बिहार प्रशासनिक सेवा के सात पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलेगा. राज्य सरकार ने इसका आदेश जारी किया है. विधि विभाग के स्तर से पूरे मामले की सघन समीक्षा के बाद इन्हें दोषी पाया गया. इन पर मुकदमा दायर करने के साथ ही पैसे के वसूली की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. जांच में इन सात पदाधिकारियों पर 25 से 30 करोड़ रुपये मूल्य के चावल के गबन का आरोप सही पाया गया है.

मिल मालिकों से मिल कर 25 करोड़ के चावल का किया गबन

फिलहाल ये अभी अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं. इस मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में कुछ अन्य पदाधिकारियों पर भी मुकदमा दायर किया जायेगा. इससे पहले इस घोटाले को लेकर विजिलेंस में मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधकों के पद पर तैनात बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के कई अधिकारी जद में आये. मिल मालिकों से उन्होंने मिलीभगत करके सरकारी चावल का गबन किया था. इन सभी अफसरों पर 25 करोड़ के चावल गबन करने का आरोप है.

ट्रक की जगह बाइक और ऑटो का दे दिया नंबर

इन पदाधिकारियों ने स्थानीय राइस मिल के साथ मिलकर हजारों टन चावल का गबन किया. कागज पर ही चावल की ढुलाई कर दी गयी और इसके लिए वाहनों के गलत नंबर अंकित कर दिये गये. जांच में पता चला कि पूर्वी चंपारण, गया और कैमूर जिलों में ट्रक नंबर के स्थान पर टेंपो और बाइक के नंबर डालकर इन पर सैकड़ों क्विंटल चावल का ट्रांसपोर्टेशन दिखा दिया गया. राइस मिलों में कुटाई के लिए जितना धान जमा करना था, उससे आधा या चौथाई धान ही हकीकत में जमा किया गया. जबकि कागज पर इसे गलत ट्रक संख्या और मात्रा के साथ दिखा दिया गया. सरकारी गोदाम के बजाय इन चावलों को बाजार में बेच दिया गया. इस तरह एक-एक जिला खाद्य प्रबंधकों ने चार से पांच करोड़ रुपये के चावल का गबन कर लिया है. इस मामले में पहले भी कई राइस मिल मालिक जेल जा चुके हैं.

इन पर चलेगा केस

  • कमलेश सिंह, पूर्वी चंपारण के तत्कालीन वरीय समाहर्ता सह राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक

  • अजय कुमार ठाकुर, पूर्णिया के तत्कालीन राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक (पूर्णिया में ही इन पर दूसरा मामला भी दर्ज)

  • भानु प्रताप सिंह, पूर्वी चंपारण के तत्कालीन जिला खाद्य प्रबंधक (इन पर भी इसी जिले में दो केस हैं दर्ज)

  • संतोष कुमार झा, गया के तत्कालीन जिला खाद्य प्रबंधक

  • अरविंद कुमार मिश्रा, कैमूर के तत्कालीन जिला खाद्य प्रबंधक

  • अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा, पूर्वी चंपारण के तत्कालीन जिला खाद्य प्रबंधक

  • अजय कुमार ठाकुर,पूर्णिया के तत्कालीन जिला खाद्य प्रबंधक (इन पर दो मुकदमे हैं और ये दूसरे अजय कुमार ठाकुर हैं)

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