हिंसा भड़काने का मामला : अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित के खिलाफ चलेगा मुकदमा
भागलपुर के नाथनगर में 17 मार्च 2018 को हिंसा भड़काने के आरोप में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शास्वत चौबे सहित नौ के विरुद्ध दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए गृह विभाग ने भागलपुर पुलिस को अभियोजन स्वीकृति दे दी है.
भागलपुर : भागलपुर के नाथनगर में 17 मार्च 2018 को हिंसा भड़काने के आरोप में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शास्वत चौबे सहित नौ के विरुद्ध दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए गृह विभाग ने भागलपुर पुलिस को अभियोजन स्वीकृति दे दी है. इसी के साथ उन पर हिंसा भड़काने का मुकदमा चलेगा. कुछ दिन पूर्व ही भागलपुर पुलिस को मामले में चार्जशीट दायर करने की अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद भागलपुर एसएसपी ने केस के जांच कर्ता (आइओ) को मामले में जल्द से जल्द कोर्ट में कांड संख्या 176/18 के आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया है.
बता दें कि उक्त मामले के दो वर्ष बीतने के बाद मामले में मिले चार्जशीट करने के आदेश के बाद भागलपुर की राजनीति में नया मोड़ आ गया है, जिससे तूल पकड़ेगा. एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि नाथनगर थाने में विगत 17 मार्च 2018 को दर्ज कांड केस में अर्जित शास्वत चौबे सहित जिन 9 लोगों को हिंसा भड़काने के लिए आरोपित बनाया गया था.
उनके विरुद्ध पुलिस जांच में आरोपों को सत्य पाया था. आरोपों के सत्य पाये जाने के बाद संवेदनशील मामला होने की वजह से नौ आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दायर करने के लिए गृह विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. कुछ दिन पूर्व ही गृह विभाग ने मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिये अभियोजन स्वीकृति प्रदान कर दी है. जिसके बाद आइओ को न्यायालय में जल्द से जल्द चार्जशीट दायर करने का आदेश दिया गया है.
क्या हुआ था : 17 मार्च 2018 को हिंदू नववर्ष की पूर्व संध्या को भागलपुर में निकाले गये जुलूस के बाद नाथनगर थाना क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी. कई आम लोग, पुलिसकर्मी सहित दोनों पक्ष की ओर से उपद्रवी जख्मी हुए थे. मामले में पुलिस ने अपने बयान पर 17 मार्च 2018 को ही नाथनगर थाना में दो केस दर्ज किये थे. तत्कालीन नाथनगर में प्रतिनियुक्त एसआइ हरि किशोर सिंह के लिखित शिकायत पर दर्ज मामले में अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शास्वत चौबे, अभय घोष, प्रमोद वर्मा, देव पांडेय, निरंजन सिंह, संजय भट्ट, सुरेंद्र पाठक, अनूप लाल साह और प्रणव साह सहित 500 अज्ञात लोगाें को हिंसा भड़काने में आरोपित बनाया गया था.