बिहार में तेजी से बढ़ने लगे दिमागी बुखार के मामले, दस बच्चों में पुष्टि, पांच प्रखंड में अलर्ट

मोतिहारी रामगढ़वा के छह साल का जामिन कुमार की रिपोर्ट 7 अप्रैल को आयी, जिसमें हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि बताया गया हैं. वहीं दूसरा रुन्नीसैदपुर के छह साल की बच्ची महजबीन में भी हाइपोग्लाइसीमिया बतायी गई. इसके बाद दोनों बच्चे को भर्ती कर इलाज की जा रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2022 8:07 PM

मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में इलाज को पहुंचे दो बच्चे में एइएस की पुष्टि हुई हैं. जबकि दो बच्चे सस्पेक्टेड भर्ती हुए हैं. एइएस पुष्टि होने वाले में मोतिहारी रामगढ़वा के छह साल का जामिन कुमार बताया गया हैं. वहीं दूसरा रुन्नीसैदपुर के छह साल की बच्ची महजबीन बतायी गई हैं. उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीड़ित बच्चे का रिपोर्ट मुख्यालय भेजा गया था. मोतिहारी रामगढ़वा के छह साल का जामिन कुमार की रिपोर्ट 7 अप्रैल को आयी, जिसमें हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि बताया गया हैं. वहीं दूसरा रुन्नीसैदपुर के छह साल की बच्ची महजबीन में भी हाइपोग्लाइसीमिया बतायी गई. इसके बाद दोनों बच्चे को भर्ती कर इलाज की जा रही हैं.

अब तक 10 बच्चे बीमार 

अब तक बीमारी हुए बच्चों में सात बच्चा और तीन बच्ची बताये गये है. जबकि इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो चुकी है. जिसमें चार केस मुजफ्फरपुर के, दो केस मोतिहारी और एक-एक केस सीतामढ़ी और अररिया के है. सीतामढ़ी के बच्चे की मौत इलाज के दौरान हुई हैं. अन्य सात बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. इधर जिले का पहला केस एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में नगर थाना के सरैयागंज के मुकेश साह का ढ़ाई वर्षीय पुत्र अविनाश कुमार में पुष्टि हुई है.अविनाश का रिपोर्ट एसकेएमसीएच प्रशासन ने मुख्यालय भेजा है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीकू वार्ड में भर्ती कर एइएस के प्रोटोकॉल के तहत इलाज शुरू किया गया.

एइएस प्रभावित पांच प्रखंड में अलर्ट, डॉक्टर कैंप करेंगे

एइएस के केस आने शुरू होने के बाद जिले के एइएस प्रभावित पांच प्रखंड पर विशेष नजर रखने का निर्देश प्रधान सचिव ने दिया हैं. उन्होंने कहा कि इन पांच प्रखंड से ही अधिक बच्चे पीड़ित होकर एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन प्रखंडों में डॉक्टरों की टीक कैंप करे और जागरूकता फैलाये. वहीं प्रखंड के जो बच्चे एइएस से पीड़ित हुए है, उसका हाल जानने उसके घर स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजे जाय.

टीम घर पहुंच उस बच्चे के माता पिता को जानकारी देगी कि वह अपने बच्चों का बचाव कैसे करे. इसके साथ ही उसके आसपास के घर वालों के भी बीच जागरूकता अभियान चलाएगी. प्रधान सचिव ने सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि वह उन प्रखंडों में टीम भेज कर जागरूकता फैलाये, जहां के बच्चे सबसे अधिक एइएस बीमारी से ग्रसित हुए हैं.

मुशहरी व मीनापुर पर विशेष नजर रखेगी टीम

एइएस से प्रभावित प्रखंड मीनापुर व मुशहरी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम इस बार विशेष नजर रखेगी. इस प्रखंड से सबसे अधिक बच्चे एइएस से ग्रसित हुए हैं. इन दोनों प्रखंड में आशा, एएनएम व मेडिकल टीम कैंप करके लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाएगी. इसके साथ ही पंप लेट और जिन बच्चों को जेई के टीका नहीं पड़े है, उन्हें टीका भी दिलाएगा.

तीन सदस्यीय टीम ने किया एइएस-जेइ वार्ड का निरीक्षण

इधर सीतामढ़ी में भी स्वास्थ्य विभाग पटना से आये तीन सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को मातृ-शिशु अस्पताल स्थित एइएस/जेइ वार्ड का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र लाल, जिला भीवीडी पदाधिकारी डॉ आरके यादव व सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ सुधा झा भी मौजूद थे. टीम के सदस्यों ने वार्ड में कार्यरत चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी से पूछताछ की. वहीं, सरकार द्वारा दिये जा रहे सुविधा का भी जानकारी ली. निरीक्षण के बाद उन्होंने निर्देश दिया कि एइएस/जेइ वार्ड में 24*7 चिकित्सक उपलब्ध कराया जाए.

विशेष ध्यान देने का निर्देश

कंट्रोल रूम के माध्यम से पल पल की जानकारी लिया जायेगा. उन्होंने लोगों में जागरूकता लाने की बात कही व एनआरसी केंद्र में भर्ती बच्चों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया. सदर अस्पताल आने से पहले टीम के सदस्यों ने परिहार व रुन्नीसैदपुर का भी दौरा किया. देर शाम डीएम सुनील कुमार यादव भी सदर अस्पताल पहुंचकर चमकी बुखार को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.

Next Article

Exit mobile version