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बिहार के साइबर थानों में हर दिन दर्ज हो रहे दस मामले, छह माह में पीड़ितों के 29 करोड़ हुए बैंकों में होल्ड

पिछले छह माह में इन थानों में 1800 कांड दर्ज हुए हैं. मसलन इन थानों में हर दिन साइबर के कम से कम 10 कांड दर्ज हुए. आर्थिक अपराध इकाई के नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इस अवधि में 6.48 लाख से अधिक शिकायत मिली, जिनमें 36 हजार शिकायतों को दर्ज करते हुए उन पर कार्रवाई की गयी.

पटना. बिहार में 44 नये साइबर थानों के खुलने के बाद दर्ज होने वाले साइबर अपराधों की संख्या बढ़ी है. पिछले छह माह में इन थानों में 1800 कांड दर्ज हुए हैं. मसलन इन थानों में हर दिन साइबर के कम से कम 10 कांड दर्ज हुए. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इस अवधि में 6.48 लाख से अधिक शिकायत मिली, जिनमें 36 हजार शिकायतों को दर्ज करते हुए उन पर कार्रवाई की गयी.

हेल्पलाइन नंबर 1930 की मदद से 1543 एफआइआर दर्ज

आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 की मदद से अब तक कुल 1543 एफआइआर दर्ज की गयी है. इन केसों में 29 करोड़ रुपये से अधिक की राशि होल्ड की गयी है. होल्ड की गयी राशि वास्तविक व्यक्ति को लौटाने की प्रक्रिया की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस दौरान अपराध में प्रयुक्त किये गये 7080 मोबाइल नंबर को ब्लॉक कराया गया, जबकि 2130 मोबाइल के आइएमइआइ नंबर ही ब्लॉक कराये गये, ताकि उस मोबाइल का ही इस्तेमाल न हो सके.

नवादा-नालंदा से सबसे अधिक अपराधी गिरफ्तार

इओयू एसपी ने बताया कि पूरे बिहार से अब तक 200 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें सबसे अधिक 50 गिरफ्तारी नवादा जिले से और 26 गिरफ्तारी नालंदा जिले से हुई है. इसके अलावा पटना व पूर्णिया से 19-19, समस्तीपुर से 11 और बगहा से 10 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर उनको जेल भेजा गया है. इन साइबर अपराधियों के पास से 14 लाख रुपये नकद, पांच चार पहिया वाहन, मोटरसाइकिल, 100 से अधिक मोबाइल व ढेर सारे सिम के साथ एटीएम कार्ड्स, फिंगर प्रिंट डिवाइस, लैपटॉप, पैन ड्राइव, फिंगर प्रिंट क्लोनिंग मशीन व बैंकों के पासबुक बरामद किये जा चुके हैं.

पांच को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय समीक्षा

साइबर थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा एवं साइबर अपराध की अपराध शैली पर नियंत्रण को लेकर इओयू ने पांच दिसंबर को उच्चस्तरीय समीक्षा बुलायी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली इस समीक्षा बैठक में सूबे के सभी आइजी, डीआइजी के साथ सभी जिलों के एसपी भी शामिल होंगे. इस बैठक में साइबर से संबंधित विभिन्न पहलुओं यथा प्राथमिकी, गिरफ्तारी, विशेष अभियान चलाने और साइबर जागरूकता पर विशेष चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जायेंगे.

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साइबर क्राइम पर बिहार पुलिस सख्त

आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने पिछले दिनों साइबर अपराध से संबंधित शत-प्रतिशत कांडों को थानों में दर्ज किये जाने और इन मामलों की त्वरित जांच कर अधिकतम एक सप्ताह के अंदर उचित कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया था. राज्य के हॉट स्पॉट जिले पटना, गया, नालंदा, नवादा, जमुई एवं शेखपुरा के साइबर थानों के डीएसपी-सह-थानाध्यक्षों के साथ बैठक में एडीजी इओयू ने कहा कि एफआइआर दर्ज किये जाने के साथ ही पीड़ित व्यक्ति की राशि को होल्ड कराने हेतु तत्काल संबंधित बैंक या वित्तीय कंपनी को इ-मेल की प्रक्रिया की जाये. अगर पैसा ट्रांसफर होने की बात पता चले तो जांचोपरांत उक्त बैंक अकाउंट का पार्शियल अमाउंट को होल्ड कराएं. समीक्षा बैठक में इओयू एसपी सुशील कुमार के साथ ही सभी सीनियर डीएसपी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद रहे.

प्रखंड स्तर पर जनसंवाद लगा दें साइबर सुरक्षा की जानकारी

इओयू एडीजी ने इन जिलों के साइबर थानों में अबतक दर्ज प्राथमिकी, गिरफ्तारी, बरामदगी, कांड का निष्पादन आदि बिंदुओं पर विस्तृत रूप से समीक्षा की थी. उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से संबंधित दर्ज हो रहे शिकायतों के बारे में भी जानकारी लेते हुए इसकी कठिनाइयों व चुनौतियों पर भी चर्चा की. खान ने साइबर अपराधों के रोकथाम हेतु आमजनों के बीच व्यापक रूप से साइबर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया. प्रखंड स्तर पर चल रहे जनसंवाद के माध्यम से साइबर सुरक्षा से संबंधित उपायों की जानकारी आम लोगों को दिये जाने का सुझाव दिया.

आपस में समन्वय बना कर रखें साइबर थाने

एडीजी इओयू ने कहा कि अगर साइबर अपराधी किसी दूसरे थाना क्षेत्र के अंतर्गत आते हों तो उन थानों में से आपसी समन्वय स्थापित कर अपराधी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करें. साथ ही साइबर थाने अपने जिले में साइबर अपराधों के हॉट-स्पॉट स्थानों को चिन्हित करते हुए उन पर व्यापक रूप से कार्रवाई करें. साइबर थानों में मानव बल की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर प्रतिनियुक्ति पर विमर्श किया गया. पर्याप्त आधारभूत संरचना व आवश्यक तकनीकी उपकरणों को बढ़ाने हेतु आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिये. उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई को कई थानों एक मिलकर एक साथ बड़े स्तर पर भी छापेमारी की जा सकती है.

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