जाति आधारित गणना मामले में पटना हाइकोर्ट में तीन जुलाई सोमवार को सुनवाई होगी. इस मामले में चार मई को पटना हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश बिहार में चल रही जाति आधारित गणना पर रोक लगा दी थी और इस पर अगली सुनवाई तीन जुलाई को मुकर्रर की थी. रोक के अंतरिम आदेश के बाद बिहार सरकार ने पटना हाइकोर्ट में इस मामले में नौ मई को सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने याचिका को लेकर कहा था कि नौ मई को इस बात की सुनवाई करेंगे कि केस की अगली सुनवाई तीन जुलाई को ही होगी या पहले की कोई तारीख दी जा सकती है. इसके बाद कोर्ट ने नौ मई को सरकार की अपील खारिज कर दी और कहा कि सुनवाई के लिए मुकर्रर तारीख तीन जुलाई ही रहेगी.
गौरतलब है कि बिहार में जाति आधारित गणना की शुरुआत सात जनवरी से हुई थी. पहले फेज का काम पूरा होने के बाद दूसरे फेज का काम 15 अप्रैल से किया जा रहा था. जाति आधारित गणना का काम पूरा होने से पहले चार मई को पटना हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था. इसका करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
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पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वे को तुरंत बंद करने का निर्देश देते हुए कहा था कि हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका के अंतिम निष्पादन होने तक राज्य सरकार एकत्रित किये गये डाटा को किसी के साथ साझा नहीं करेगी. कोर्ट ने कहा था कि जाति आधारित सर्वे एक प्रकार की जनगणना है और जनगणना करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास ही है. राज्य सरकार के पास किसी भी प्रकार की जनगणना या गणना करने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार जाति आधारित सर्वे भी नहीं करा सकती है क्योंकि यह एक प्रकार का जनगणना ही है.