26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जाति गणना: पटना जिले में 10.17 लाख परिवारों की हुई गणना, नगर निगम में मात्र 79 हजार परिवारों की गणना बाकी

पटना जिले में लगभग 10.17 लाख परिवार के सदस्यों का डिटेल लेने का काम पूरा हो गया. जिले में कुल 13.79 लाख परिवारों की गणना होना था. अब 3.62 लाख परिवारों की गणना का काम बाकी है.

पटना. जाति आधारित गणना पर रोक लगने के दिन तक पटना नगर निगम में लगभग 79 हजार परिवारों की गणना का काम बाकी रह गया था. जाति आधारित गणना पर चार मई को दोपहर के बाद से रोक लग गयी थी. हाइकोर्ट के आदेश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी पत्र में अक्षरश: अनुपालन का निर्देश सभी जिले के डीएम को दिया गया था. इसके बाद गणना के काम पर पूरी तरह से रोक लग गयी थी.

जाति आधारित गणना के दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू होकर चार मई तक चला. 15 मई को गणना का अंतिम दिन था. पटना नगर निगम के सभी छह अंचलों में पहले चरण में 3.61 लाख परिवारों की गणना हुई थी. दूसरे चरण में लगभग 2.82 लाख परिवारों की गणना का काम पूरा हो गया था.

पाटलिपुत्र अंचल में सबसे अधिक गणना बाकी

पाटलिपुत्र अंचल में सबसे अधिक गणना का काम बाकी रहा. वहां लगभग 16243 परिवारों की गणना का काम होना है. जबकि नूतन राजधानी अंचल में 12476, बांकीपुर अंचल में 15299, कंकड़बाग अंचल में 14304, पटना सिटी अंचल में 9601 व अजीमाबाद अंचल में 11279 परिवारों का गणना बाकी है. पहले चरण में हुए जाति गणना में नूतन राजधानी अंचल में 68531, पाटलिपुत्र अंचल में 80889, बांकीपुर अंचल में 52568, कंकड़बाग अंचल में 61445, पटना सिटी अंचल में 34286 व अजीमाबाद अंचल में 62932 परिवारों की गणना हुई थी. पहले चरण का काम सात जनवरी 21 जनवरी के बीच हुआ था.

Also Read: पटना हाईकोर्ट ने इस आधार पर लगायी जाति गणना पर रोक, जानिए कानून के जानकारों की क्या है राय
पटना जिले में 10.17 लाख परिवारों की हुई गणना

पटना जिले में लगभग 10.17 लाख परिवार के सदस्यों का डिटेल लेने का काम पूरा हो गया. जिले में कुल 13.79 लाख परिवारों की गणना होना था. अब 3.62 लाख परिवारों की गणना का काम बाकी है. पटना जिले में जाति आधारित गणना के लिए 45 चार्ज बनाये गये हैं. इसमें 23 प्रखंड के अलावा, 11 नगर परिषद, पांच पंचायत व पटना नगर निगम के छह अंचल शामिल है.गणना पर रोक के बाद सभी प्रगणक व पर्यवेक्षक चार्ज पदाधिकारियों के पास फॉर्म जमा किये हैं, ताकि उसका सुरक्षित रखा जा सके. कई छोटे-छोटे इलाके में गणना पूरी होने पर डेटा को मोबाइल एप में लोड भी किया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें