पटना. जाति गणना के दूसरे चरण में पटना जिले में सिर्फ 3.52 लाख परिवारों की गणना बाकी रह गयी है. गुरुवार तक लगभग 10.17 लाख परिवारों का डिटेल लेने का काम पूरा हो गया. जिले में कुल 13.69 लाख परिवारों की गणना होनी थी. गुरुवार को हाइकोर्ट से आदेश पारित होने के बाद गणना का काम रोक दिया गया. गुरुवार को दोपहर तक लगभग 59 हजार परिवारों की गणना पूरी हुई. जाति गणना पर रोक लगने के बाद सभी प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को अपने-अपने चार्ज पदाधिकारियों के यहां फॉर्म जमा करने को कहा गया है, ताकि परिवारों से लिये गये डिटेल को सुरक्षित रखा जा सके.
सूत्र ने बताया कि फॉर्म पर डिटेल लेने के बाद डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उसे मोबाइल एप में लोड किया जा रहा था. रोक लगने के बाद इसे लेकर परेशानी बढ़ गयी है. फॉर्म को सुरक्षित रखना बड़ी जिम्मेदारी हो गयी है. बरसात का मौसम आनेवाला है. पटना जिले में जाति गणना के लिए 45 चार्ज बनाये गये हैं. इसमें 23 प्रखंड के अलावा, 11 नगर परिषद, पांच पंचायत व पटना नगर निगम के छह अंचल शामिल हैं.
जिले में अलग-अलग कई प्रगणक क्षेत्रों में प्रगणकों ने गणना पूरी कर ली है. उन इलाके में फॉर्म में भरे गये डिटेल को मोबाइल एप में लोड किया जा रहा था. सामान्य प्रशासन विभाग से पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन ने रोक लगाने का निर्देश जारी किया. गणना में लगे प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को मिलनेवाली मानदेय राशि में मात्र 2500-2500 रुपये का भुगतान हुआ है. रोक के बाद जहां गणना का काम पूरा हो गया, उस इलाके के प्रगणक व पर्यवेक्षकों को शेष राशि का भुगतान नहीं हो पायेगा. गणना के लिए प्रगणकों को 10 हजार रुपये व पर्यवेक्षकों को 10,500 रुपये मिलने थे.
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डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जिले में जाति गणना 80% पूरी हो गयी थी. कुछ इलाकों में यह काम पूरा हो गया था. इन इलाकों में क्रॉस वेरिफिकेशन का काम हो रहा था. सामान्य प्रशासन विभाग से पत्र मिलने के बाद इसका पालन करने के संबंध में निर्देश जारी किया गया है. सभी प्रगणक व पर्यवेक्षक चार्ज पदाधिकारियों के पास कागजात जमा करेंगे.