बिहार में 40 फीसदी आबादी के पास अभी भी पक्के छत नहीं, 22.37 फीसदी लोग करते है एक कमरे में गुजर बसर
पक्का मकान एक कमरा वाले परिवार 22.37 फीसदी है. उसी तरह खपरैल /टीन छत वाले परिवार 26.54 फीसदी है. इसके साथ ही झोपड़ी में रहने वाले परिवार की संख्या 14.9 फीसदी परिवार है. इसके साथ ही आवासहीन परिवार 0.24 फीसदी है.
पटना. बिहार विधानमंडल में मंगलवार को सत्र शुरू होते ही सरकार ने सदन के पटल पर जाति आधारित गणना का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश कर दी गई. इस रिपोर्ट की कॉपियां सभी विधायकों को बांटी गई है. जाति एवं आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की महज 1.22 फीसदी आबादी ही बाहर रहती हैं, जबकि सरकार के तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार 94.28 फीसदी लोग बिहार में रह रहे हैं. इन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है. बिहार में आबादी की शैक्षणिक स्थिति का जो रिपोर्ट आया है, उसके अनुसार प्रवासी बिहारियों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
2 से अधिक कमरा वाला परिवार 36.76 फीसदी
जाति आधारित गणना का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट यह कह रही है कि बिहार में परिवारों की आवासीय स्थिति जिसमें पक्का मकान 2 या 2 से अधिक कमरा वाला परिवार 36.76 फीसदी है. इसके अलावा पक्का मकान एक कमरा वाले परिवार 22.37 फीसदी है. उसी तरह खपरैल /टीन छत वाले परिवार 26.54 फीसदी है. इसके साथ ही झोपड़ी में रहने वाले परिवार की संख्या 14.9 फीसदी परिवार है. इसके साथ ही आवासहीन परिवार 0.24 फीसदी है.
पिछड़ा वर्ग में 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
बिहार की जाति आधारित गणना रिपोर्ट के आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक, सामान्य वर्ग के लगभग 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए, 23 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार रुपए, 19 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार से 20 हजार, 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार से 50 हजार, 9 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है. वहीं पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार, पिछड़ा वर्ग में 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, पिछड़ा वर्ग में 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, पिछड़ा वर्ग में 10 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार, पिछड़ा वर्ग में 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है.
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 2 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
वहीं अगर बात अत्यंत पिछड़ा वर्ग की की जाए तो अति पिछड़ा में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 32 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में आई फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 2 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है.
अनुसूचित जाति वर्ग में 1 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
वहीं अनुसूचित जाति वर्ग में 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए, अनुसूचित जाति वर्ग में 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, अनुसूचित जाति वर्ग में 15 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, अनुसूचित जाति वर्ग में 5 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार और अनुसूचित जाति वर्ग में 1 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है.
2.53 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार
अनुसूचित जनजाति वर्ग की बात करें तो एसटी में 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6, अनुसूचित जनजाति वर्ग में 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, अनुसूचित जनजाति वर्ग में 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, अनुसूचित जनजाति वर्ग में 8 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार और 2.53 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार है.