बिहार में दो करोड़ 59 लाख परिवारों की जाति आधारित गणना की शुरुआत शनिवार को हो गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे चरण की इस गणना की शुरुआत बख्तियारपुर स्थित अपने पुश्तैनी घर जाकर वहां परिवार के सभी आंकड़े दर्ज करवाकर की. जाति गणना के लिए तैनात कर्मी सना ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सुपुत्र निशांत कुमार से गणना से संबंधित सवाल पूछे और उनसे जानकारी लेकर कॉलम को भरा. इस दौरान मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार और उनकी पत्नी ने भी अपने और अपने परिवार के संबंध में जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने परिवार के प्रधान के रूप में घोषणा पत्र में हस्ताक्षर किया कि उनकी ओर से दी गयी सूचना सही है. सीएम ने कहा कि लोगों को उपजाति नहीं, बल्कि अपनी जाति बतानी है. कोई कंफ्यूजन होने पर पड़ोस में रहने वाले लोगों से इस संबंध में जानकारी लेनी है, ताकि जाति आधारित गणना के काम में कोई दिक्कत नहीं हो. जाति गणना के दूसरे चरण का कार्य 15 मई तक चलेगा. इसके लिए राज्य भर में पांच लाख 19 हजार से अधिक कर्मी लगाये गये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना का काम पूरा होने के बाद इसके आंकड़ों से मुख्य चीजों पर काम शुरू होगा. इसकी रिपोर्ट विधानसभा और विधान परिषद में पेश की जायेगी. इसके बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जायेगी. इसमें किस जाति की कितनी आबादी है और उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है, इसकी जानकारी मिल सकेगी. किसी जाति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, तो इसे बेहतर करने का प्रयास किया जायेगा. धीरे-धीरे लोगों को यह पता चलेगा कि इससे कितना फायदा होगा. हमलोगों का मकसद सभी लोगों को आगे बढ़ाना है. कोई पीछे नहीं छूट जाए, इसलिए हमलोग यह सब करवा रहे हैं. इसको लेकर अब सभी राज्यों में बात होने लगी है. बिहार में अच्छे ढंग से जाति आधारित गणना होने पर दूसरे राज्य भी ऐसा करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले हर 10 साल पर जनगणना का काम होता था लेकिन इतना साल बीत जाने के बाद भी अभी जनगणना नहीं शुरू हुआ है. यह आश्चर्य की बात है.
जाति आधारित गणना का असर आरक्षण के दायरे पर पड़ने को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना का काम पूरा होने पर इन चीजों के बारे में जो कुछ भी करना होगा वह किया जायेगा. सीएम ने कहा कि अपर कास्ट को भी 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है. एससी-एसटी, पिछड़े वर्गों के लिए करीब 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पहले से ही है.
सीएम ने कहा कि हम लोग जाति आधारित गणना करके केंद्र सरकार को भी बता देंगे. केंद्र को मदद करनी है या नहीं करनी है, वे लोग जानें, लेकिन राज्य सरकार लोगों की मदद करेगी. सभी राज्यों में एक बार जाति आधारित गणना हो जाने से यह बहुत ही उपयुक्त चीज होगी. बहुत लोगों को इसको लेकर बेकार का भ्रम है. जाति आधारित गणना होनी चाहिए.
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जाति गणना कार्य के बाद मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर में उपस्थित लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया. पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारे पिताजी यहीं पर रहते थे. हमारा जन्म भी यहीं पर हुआ था. जाति आधारित गणना के लिए अपनी जानकारी देने के लिए हम लोग बख्तियारपुर आये हैं.