पटना. जाति आधारित जनगणना कराने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग का यहां के सभी विपक्षी दलों ने भी समर्थन किया है. इस मसले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष में उनसे मुलाकात की.
पूर्व निर्धारित समय के अनुसार शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे यह मुलाकात शुरू हुई, जो करीब आधे घंटे तक चली. इस दौरान सभी विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इस मसले को रखने की बात कही. यह तय हुआ कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही सभी दलों के सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल पीएम से जाकर मुलाकात करेगा. इसके लिए पहले पीएम को पत्र लिखकर समय लिया जायेगा.
मुख्यमंत्री से हुई इस मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों को बताया कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. सभी दल इसके समर्थन में हैं. जब जानवर, पेड़-पौधों तक की गणना की जाती है, तो फिर जाति आधारित गणना कराने में क्या समस्या है. विधानसभा से दो बार 2019 और 2020 में इससे संबंधित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कराकर केंद्र को भेजा गया था.
इसमें भाजपा भी शामिल थी. फिर कुछ समय बाद केंद्र ने इसे लिखित रूप से मना कर दिया. ऐसे में विधानसभा का मान-सम्मान रखने के लिए प्रधानमंत्री से एक डेलिगेशन बनाकर मुलाकात करके इस प्रस्ताव को रखने की आवश्यकता है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री भी लगातार कहते रहते हैं कि वह इसके पक्ष में हैं.
अभी तो केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार है. ऐसे में पीएम से समय लेकर इस मसले को रखना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस मसले को लेकर पहले दो अगस्त को पीएम को पत्र लिखकर उनसे समय लेंगे. इसके बाद सीएम के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर पीएम से मुलाकात करके इस मुद्दे को मजबूती से रखेगा. तेजस्वी के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा और भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम भी मौजूद थे.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर इसके बाद भी केंद्र सरकार इसे मना कर देती है, तो कर्नाटक की तर्ज पर राज्य सरकार को इसे अपने खर्च पर कराना चाहिए. सीएम से इस मुद्दे पर भी बात हुई है. इस पर सीएम ने यह जानकारी प्राप्त करने की बात कही है, जिस पर कर्नाटक ने जाति आधारित जनगणना कराया है. उन्होंने नीट में ओबीसी आरक्षण लागू करने के केंद्र के फैसले पर कहा कि इसके लिए भी लंबी लड़ाई लड़ी थी. इससे केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ा.
Posted by Ashish Jha