जातीय जनगणना: तेजस्वी ने प्रमुख नेताओं को लिखा पत्र, नीतीश की प्रतिक्रिया के बाद रणनीति तय करेगा महागठबंधन
केंद्र सरकार के जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में दिये हलफनामे के बाद राजद ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है. राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने देश के तमाम बड़े नेताओं को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के इस हलफनामे के विरोध में समर्थन मांगा है.
पटना. केंद्र सरकार के जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में दिये हलफनामे के बाद राजद ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है. राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने देश के तमाम बड़े नेताओं को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के इस हलफनामे के विरोध में समर्थन मांगा है. तेजस्वी ने अपने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला देश के विकास को बाधित करेगा.
नवीन पटनायक समेत देश के 33 नेताओं को भेजे पत्र में तेजस्वी ने कहा है कि जातीय जनगणना से केंद्र और राज्य सरकारों को पीछे छूट गये समाज को आगे लाने मार्ग सुगम होगा. अपने पत्र को ट्वीटर पर शेयर करते हुए तेजस्वी ने लिखा है कि मैंने देश के कई वरिष्ठ नेताओं को सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना की चल रही मांग और उसके प्रति केंद्र में सत्तारूढ़ दल की उदासीनता के संदर्भ में हमारी साझा आशंकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में अवगत कराया है.
I have written to many senior leaders of our country about our shared apprehension and responsibilities in the context of the ongoing demand for Socio-Economic and Caste Census and the apathy of the ruling party at the centre towards the same. #CasteCensus pic.twitter.com/OGqrRyoFiw
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 25, 2021
इससे पूर्व शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि जातीय जनगणना पर केंद्र की मांग दुर्भाग्यपूर्ण है. अब इस मामले में महागठबंधन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया का इंतजार करेगा.
इसके लिए हम दो से तीन दिन का इंतजार करेंगे. इसके बाद महागठबंधन अपनी रणनीति सार्वजनिक करेगा. तेजस्वी यादव ने यह बात महागठबंधन की बैठक के बाद कही है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार की शाम महागठबंधन की बैठक में निर्णय लिया गया है कि 27 सितंबर को किसान संगठनों की तरफ से भारत बंद के आह्वान को महागठबंधन पूरी तरह समर्थन देगा.
हम उनका धरातल पर पूरा समर्थन देंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने निर्णय लिया कि हर हाल में जातीय आंकड़े सामने आने चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र का निर्णय अजीबोगरीब है.
अगर केंद्र में भाजपा का यह निर्णय है, तो तो बिहार विधानमंडल से जातीय जनगणना कराने के समर्थन में प्रस्ताव पारित करने में क्यों सहयोग दिया? उन्होंने साफ किया कि हमारी निगाह इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले स्टेप पर है.
उनकी राय अहम होगी. यह देखते हुए कि तमाम राजनीतिक मतभेद भुला कर हम लोग जातीय जनगणना के मुद्दे पर एक ही हैं. हम उम्मीद करते हैं कि सीएम का जल्दी जवाब आयेगा. इसके बाद हम अपना एक्शन प्लान बनायेंगे.
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में महागठबंधन के सभी घटक दलों मसलन सभी वाम दल,कांग्रेस और राजद के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में जातीय जनगणना पर करीब एक घंटा मंथन हुआ.
Posted by Ashish Jha