बिहार में सात जनवरी से शुरू होगा जातिगत जनगणना, 26 सवाल पूछेगी सरकार, इन कागजातों को रखें दुरुस्त
Bihar news: बिहार में आगामी सात जनवरी से आरंभ होने वाले जाति गणना में लोगों से 26 तरह के सवाल पूछे जायेंगे. लोगों को अपनी जाति संबंधी प्रमाण पत्र की प्रति लगानी होगी. जिनके पास जाति प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध होगा, उनकी जाति की प्रमाणिक पुष्टि आस पड़ोस के लोगों से पूछ कर की जायेगी.
पटना: आगामी सात जनवरी से आरंभ होने वाले जाति गणना में लोगों से 26 तरह के सवाल पूछे जायेंगे. लोगों को अपनी जाति संबंधी प्रमाण पत्र की प्रति लगानी होगी. संभवत: जाति प्रमाण पत्र का नंबर कालम में अंकित करना होगा. जिन लोगों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध होगा, उनकी जाति की प्रमाणिक पुष्टि आस पड़ोस के लोगों से पूछ कर की जायेगी.
सवालों का प्रोफार्मा सभी जिलों को उपलब्ध कराया गया
जाति गणना के लिए सभी जिलों को 26 सवालों का प्रोफार्मा उपलब्ध कराया गया है. जाति गणना करने वाले टीम के सदस्यों की 15 दिसंबर से ट्रेनिंग आरंभ हो रही है. जाति आधारित गणना को पूरी तरह जमीन पर उतारने के लिए एक एप भी बनाया जायेगा. बेल्ट्रॉन को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है.
अहम बातें
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जाति गणना के लिए रखना होगा जाति प्रमाण पत्र का नंबर
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जिनके पास नहीं होगा जाति का प्रमाण पत्र उनके बारे में पड़ोसियों से ली जायेगी जानकारी
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जाति गणना में लोगों से 26 सवाल पूछेगी सरकार
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सात जनवरी से आरंभ होगी गणना
डाटा शीट करीब-करीब तैयार
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंद्र ने कहा कि जाति गणना के लिए डाटा शीट करीब-करीब तैयार हो गया है. लोगों से आमदनी, जीवन स्तर और शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी सवाल पूछे जायेंगे. राज्य सरकार ने जाति गणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया है.
1 जून, 2022 को लिया गया था फैसला
गौरतलब है कि बिहार में जातीय जनणणना को लेकर 1 जून, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था. बैठक में बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गणना कराने को लेकर फैसला किया गया था.