बिहार में कास्ट कोड का सारा कंफ्यूजन यहां करें दूर, जानिए क्यों वायरल हुई दो तरह की जातीय कोड लिस्ट

Caste Code Bihar: बिहार में जातीय जनगणना (Jatigat janganana bihar) के दूसरे फेज के लिए जातियों का कोड जारी कर दिया गया है. जातियों के कोड को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कंफ्यूजन पूरे दिन दिखा. जानिए क्या है वजह..

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2023 8:46 AM

Caste Code Bihar: बिहार में जातीय जनगणना (Jatigat janganana bihar) का दूसरा फेज 15 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है. इस बीच बिहार सरकार ने कास्ट कोड लिस्ट जारी कर दिया है. बुधवार को जाति गणना के कोड को लेकर सोशल मीडिया पर लोग काफी सक्रिय रहे. समाचार पत्रों में दिए गए जाति गणना के कोड देखते ही देखते वायरल हो गए. वहीं कुछ ही देर बाद कास्ट कोड की मूल प्रति भी वायरल होने लगी जिसमें जातियों के कोड में अंतर था. दरअसल, इसके पीछे की वजह हम आपको बताते हैं. आखिर दो तरह के जातिय कोड क्यों लोगों के बीच कंफ्यूजन पैदा कर रहा है.

जाति कोड में बदलाव किया गया

बिहार में जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census Bihar) के लिए जातियों के कोड की अब नयी सूची जारी कर दी गयी है. इसमें कुछ बदलाव किए गए. पूर्व में जो सूची जारी की गयी थी उसमें फेरबदल किए गए. पुरानी सूची में पहले नंबर पर अगरिया जाति थी. अघोरी नंबर 2 पर था. लेकिन जब सूची में बदलाव किए गए तो तीन जातियों को सूची से पूरी तरह हटा दिया गया. अगरिया के अलावे खडिया और माड़वाड़ी जाति को सूची से हटा दिया गया. जिसके बाद नयी सूची में 1 नंबर कोड अब अघोरी जाति के लिए दिया गया है.

Also Read: VIDEO: आनंद कुमार से सुनिए सुपर-30 चलाने की बड़ी वजह, पापड़ बेचने से लेकर पद्मश्री तक का तय किया सफर नयी सूची में दो जातियों को जोड़ा गया

नयी सूची में दो जातियों को जोड़ा भी गया है. 179 कोड पर विरजिया और 190 कोड पर सेखड़ा जाति को जोड़ा गया है. पुरानी सूची में 215 जातियां शामिल थी और अन्य के लिए कोड 216 दिया गया था. अब नयी सूची में कुल 214 जाति कोड है और अन्य को 215 कोड दिया गया है. इसी बदलाव की जानकारी का अभाव लोगों के बीच था और सोशल मीडिया पर दिनभर दो तरह की जाति कोड को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते रहे.

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जातियों के कोड का काम क्या है?

जातियों के कोड को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें लोगों के बीच चर्चा में है. लोग अपनी-अपनी जाति का कोड बताकर उसकी खासियत बता रहे हैं. कई लोग इसे सियासी रंग भी दे रहे हैं. लेकिन बताते चलें कि यह जाति गणना के दौरान एप में दर्ज करने के लिए महज एक नंबर है. जातियों की पहचान इस कोड से नहीं की जाएगी. डाटा फीड करने के दौरान इसकी जरुरत ऐप में पड़ेगी और इसलिए ये कोड दिया गया है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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