बिहार में जातिगत जनगणना (Case Census Bihar) का पहला फेज संपन्न हो चुका है. अब दूसरे चरण का जनगणना कार्य शुरू होने जा रहा है. इसी माह 15 अप्रैल से इसका काम शुरू हो जाएगा. बिहार सरकार ने सूबे की 215 अलग-अलग जातियों के लिए अलग-अलग कोड (Caste Code Bihar) निर्धारित किए हैं. वहीं इस चरण में नाम दर्ज कराने को लेकर विशेष सख्ती रहेगी. अगर कोई दो बार नाम लिखाने का प्रयास करेगा तो अब एप ऐसे लोगों को चिन्हित कर लेगा.
बिहार में अब जातीय जनगणना के सेकेंड फेज के काम की सुगबुगाहट तेज होने लगी है. बिहार में अब हर जाती को अपना एक कोड दे दिया गया है. 1 नंबर पर अघोरी है. ब्राह्मण के लिए ये कोड 126 है जबकि कायस्त का कोड 21 है. राजपूत का कोड 169, भूमिहार का कोड 142, कुर्मी का कोड 24, कुशवाहा-कोईरी को कोड नंबर 26 दिया गया है. यादव जाति को 165 कोड दिया गया है जिसमें ग्वाला, गोरा, घासी, मेहर, अहीर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला शामिल हैं.
Also Read: AQI Report: देश के टॉप 5 प्रदूषित शहरों में बिहार की एक स्मार्ट सिटी भी शामिल, पटना की हवा में भी घुला जहर..अगरिया जाति पहले नंबर है वहीं ‘अन्य’ का कोड 216 है. केवानी जाति को 215 जबकि बनिया जाति के लिए 122 कोड तय किया गया है. जिसमें वैश्य, सूड़ी समेत अन्य शामिल हैं. यह कोड जातीय जनगणना से संबंधित प्रपत्र के अलावा पोर्टल और एप पर भी प्रकाशित किया जाएगा. गणना के दौरान जातियों के नाम के साथ उस जाति का भी निर्धारित कोड लिखा जाएगा.
नोनिया 105 नंबर काड से जाना जाएगा. पटवा के लिए 106, मुस्लिम में धुनिया के लिए 96, धोबी (मुस्लिम) 98 जबकि हिंदू धोबी रजक के लिए 97 नंबर कोड दिया गया है. दर्जी (हिंदू) उपनाग, श्रीवास्तव, लाला, लाल, दर्जी के लिए 206 नंबर कोड तय किया गया है. खत्री के लिए 207 और बंगाली 205 नंबर कोड से जाने जाएंगे. मेहतर भंगी के लिए 200 तो हलुवाई के लिए 202 नंबर कोड तय किया गया.
बता दें कि 215 जातियों का कोड जारी किया गया है. वहीं 216 नंबर अन्य में रखा गया है. जो जातियां 215 नंबर तक जारी कोड में नहीं होंगे उन्हें 216 में शामिल किया जाएगा.
Published By: Thakur Shaktilochan