बिहार में ग्रेजुएशन-पीजी के लिए राजभवन ने लिया बड़ा फैसला, जानें कितने सालों में पूरी होगी डिग्री..
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में चार वर्षीय स्नातक की डिग्री के लिए अब केवल तीन साल की ही पढ़ाई जरूरी होगी. चौथे साल की पढ़ाई अनिवार्य नहीं होगी. वहीं पीजी के लिए भी अब राजभवन की ओर से बड़ी जानकारी दी गयी है. जानिए क्या किया गया तय..
बिहार: च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में चार वर्षीय स्नातक की डिग्री केलिए चार वर्ष की पढ़ाई करने की बाध्यता नहीं होगी. विद्यार्थी तीन साल में भी स्नातक की डिग्री हासिल कर सकेंगे. चौथे साल के पाठ्यक्रम के बाद आगे की पढ़ाई स्नातकोत्तर या सीधे शोध में जाने का विकल्प खुला रहेगा. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौँग्थू ने एक पत्र जारी कर यह बातें स्पष्ट की हैं.
कोर्स को लेकर दी जानकारी..
प्रधान सचिव ने साफ किया कि जो केवल तीन साल में स्नातक की डिग्री हासिल करेंगे, उन्हें स्नातकोत्तर की डिग्री दो साल (चार सेमेस्टर) में करनी होगी. वहीं, जो चार साल की स्नातक डिग्री रिसर्च के साथ हासिल करेंगे, उनको स्नातकोत्तर की डिग्री एक साल (दो सेमेस्टर) में मिलेगी. इस संदर्भ में व्यापक दिशा-निर्देश कुलाधिपति की तरफ से जल्द जारी होंगे.
ये भी जानें..
राजभवन ने साफ किया है कि वर्तमान व्यवस्था में भी जो विद्यार्थी मात्र स्नातक की डिग्री चाहते हैं, उन्हें छह सेमेस्टर में अर्थात तीन साल में स्नातक की डिग्री मिल जायेगी. चौथे साल का विकल्प उनके लिए है, जो उच्चतर शिक्षा अथवा विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं या किसी ऐसे विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हों, जहां चार वर्षीय पढ़ाई जरूरी हो. हालांकि यह केवल उनके लिए है, जिन्होंने तीन वर्षों में निर्धारित ग्रेड से ऊपर की ग्रेड प्राप्त की हो. चार वर्ष में उन्हें रिसर्च के साथ स्नातक की डिग्री मिलेगा.
सिलेबस में बदलाव की जानकारी दी..
राजभवन के प्रधान सचिव ने बताया कि बिहार के विश्वविद्यालयों में 1988 के बाद से सिलेबस में किसी तरह का संशोधन या बदलाव नहीं किया गया था. इसलिए वर्तमान में वैज्ञानिक प्रगति के मद्देनजर सिलेबस में जरूरी बदलाव जरूरी था.
सभी विश्वविद्यालयों में सीबीसीएस को किया जा रहा लागू
जानकारी हो कि स्नातकोत्तर में सीबीसीएस की शुरुआत वर्ष 2018-19 में हो गयी थी. वर्ष 2022-23 के सत्र से पटना विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सीबीसीएस एवं सेमेस्टर सिस्टम की शुरुआत की गयी थी. अब सीबीसीएस को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जा रहा है.