बिहार: 11 चौकीदारों से CBI की पूछताछ के बाद थानेदार- जमादार गिरफ्तार, हाजत से गायब राजनाथ मामले को जानिए…

बिहार के गोपालगंज में हाजत से अचानक गायब हुए राजनाथ शर्मा प्रकरण में सीबीआई ने बड़ी कार्रवई की है. तत्कालीन थानेदार और जमादार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के अनुसार, अब सीबीआई जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2023 11:54 AM

संजय कुमार अभय, गोपालगंज

गोपालगंज जिले के कटैया थाने के हाजत से फरार बंदी राजनाथ शर्मा के मामले में सीबीआइ ने तत्कालीन थानेदार सुमन कुमार मिश्र व जमादार प्रदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. बुधवार को सीबीआइ के इंस्पेक्टर सह आइओ मुकेश पांडेय दोनों को लेकर मुजफ्फरपुर सीबीआइ कोर्ट पहुंचे. इन पर धारा 216,224,201,468,471 के तहत सीबीआइ ने केस दर्ज कर कोर्ट में प्रस्तुत किया है.दोनों के रिमांड का आवेदन सीबीआइ कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी शिखा शर्मा के समक्ष पेश किया. कोर्ट ने पांच दिन के रिमांड की मंजूरी दी है. बताया जाता है कि दोनों को पूछताछ के लिए पटना सीबीआइ कार्यालय बुलाया गया था. वही पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. वर्तमान में सुमन मिश्र कुचायकोट और प्रदीप जाधवपुर थाने में तैनात था.


हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ जांच शुरू

हाईकोर्ट के आदेश पर कटैया थाने से फरार हुए बंदी राजनाथ शर्मा के केस की सीबीआइ जांच कर रही है. मार्च माह में सीबीआइ ने केस दर्ज करके जांच की कमान मुकेश पांडेय को सौंपी थी. बताया जाता है कि हत्या के एक मामले में कटैया पुलिस ने जून 2021 में सीवान जिले के गौरैया कोठी थाने के लहदी नूनिया पट्टी निवासी राजनाथ शर्मा को गिरफ्तार किया था. 7 जून 2021 को कटैया थाने के चौकीदार परशुराम पासवान ने थाने में एक केस दर्ज कराया. जिसमें बताया कि 7 जून को ही शौच जाने के क्रम में हाथ में दर्द का बहाना बना कर कैदी राजनाथ शर्मा फरार हो गया. तत्कालीन थानेदार सुमन मिश्र ने एक केस दर्ज कर प्रदीप कुमार को आइओ बनाया था.

Also Read: बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के पेपर लीक मामले में अबतक 150 गिरफ्तार, पुलिस जवान व प्रिंसिपल तक की मिली भूमिका..
पुलिस की भूमिका संदिग्ध, खुलासे के करीब CBI

चर्चित राजनाथ शर्मा प्रकरण में सीबीआइ की टीम इंस्पेक्टर मुकेश पांडेय के नेतृत्व में पिछले आठ माह से कटेया से लेकर गोपालगंज, सीवान तक एक-एक साक्ष्य को खंगालने के बाद अंतत: कटेया के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुमन कुमार मिश्र व एएसआइ प्रदीप राम को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया. इन दिनों सुमन मिश्र कुचायकोट थाने में, तो प्रदीप राम जादोपुर थाने में पदस्थापित थे. दोनों अधिकारियों से पूछताछ के बाद सीबीआइ को लीड मिली और उनको अरेस्ट कर लिया. सीबीआइ कांड के सुलझाने के करीब पहुंच चुकी है. जानकार सूत्रों ने बताया कि 11 फरवरी को इस कांड को पटना हाइकोर्ट के द्वारा सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद 18 मई को सीबीआइ की टीम कटेया पहुंची थी. तब कटेया के थानाध्यक्ष रहे मिथिलेश पांडेय, कांड के आइओ रहे जंगो राम के साथ घंटों पूछताछ करने के बाद आम लोगों से भी पूछताछ की. टीम आनंद शर्मा के गांव बेइली जाकर घटनास्थल की गहनता से जांच करने के बाद कुछ लोगों से पूछताछ की. तीन दिनों तक जिले में गहन पड़ताल कर लौटी. बाद में कांड दर्ज कराने वाले परशुराम पासवान समेत 11 चौकीदारों को पटना में बुलाकर बारी-बारी से पूछताछ करने के बाद कटेया के थानेदार रहे सुमन कुमार मिश्र, एएसआइ प्रदीप राम पर कार्रवाई की.

हाइकोर्ट के आदेश पर छह राज्यों में तलाश कर चुकी है पुलिस

पटना हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह व न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा की पीठ के आदेश पर राजनाथ शर्मा जिंदा तो कहां, अगर मृत है तो कैसे. बिहार पुलिस को तीन सप्ताह में जिंदा है मुर्दा की स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था. उसके बाद तत्कालीन एसपी आनंद कुमार ने हथुआ के एसडीपीओ नरेश कुमार के नेतृत्व में निरीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह, कटेया थानाध्यक्ष रहे मिथिलेश पांडेय, अनुसंधानकर्ता जंगो राम, तकनीकी शाखा के पुअनि दिनेश कुमार यादव और ब्रजेश कुमार की एसआइटी ने छह राज्यों दिल्ली, गुजरात, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, यूपी में पुलिस राजनाथ शर्मा की तलाश की. पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा. पुलिस प्रमाणित नहीं कर पायी कि राजनाथ जिंदा या मर गया है.

मां ने सीजेएम कोर्ट में दायर किया था मुकदमा

राजनाथ शर्मा की मां चंद्रवती देवी ने सीजेएम के कोर्ट में मुकदमा दायर कर कटेया पुलिस पर बेटे की हाजत में हत्या कर शव को गायब कर देने का आरोप लगाया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने परिजनों से मिलने तक नहीं दिया. हत्या करने के बाद कोई आरोपित अपने घर क्यों रहेगा, वह भाग जायेगा. पुलिस ने उसे घर से गिरफ्तार किया था. उधर, आनंद शर्मा हत्याकांड में कांड की सूचक रंभा देवी के भाई धनराज कुमार ने हाइकोर्ट में रिट दायर कर कटेया पुलिस पर अभियुक्त को भगाने का आरोप लगाया था.

Next Article

Exit mobile version