पटना. सीबीआइ ने दो अलग-अलग मामलों में मुंबई में सीमा शुल्क विभाग में तैनात भारतीय राजस्व सेवा के दो उपायुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक अधिकारी बिहार मूल के हैं और उनके पटना व समस्तीपुर स्थित आवास की सीबीआइ ने तलाशी ली है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि जेएनसीएच, मुंबई में पोस्टिंग के दौरान अलग-अलग समय में अन्य लोगों की मदद से कस्टम के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल कर गलत तरीके से ड्यूटी में छूट दी.
दरअसल, अधिकारियों ने विदेशों में रहे रहे लोगों के पासपोर्ट को आधार बनाकर खाड़ी देशों से खाड़ी देशों में घरेलू सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य वस्तुओं का आयात किया और ड्यूटी की चोरी करने में मदद की. इसके एवज में अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने का मामला सामने आया था. उनके विरुद्ध सीबीआइ ने केस दर्ज की थी और उसके आलोक में गिरफ्तारी के बाद इन दोनों अधिकारियों की घरों की तलाशी ली है.
दरअसल, सीबीआइ ने मंगलवार को दूसरे लोगों के नाम पर बने पासपोर्ट के आधार पर दूसरे देशों से सामान आयात करने के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में सीबीआइ ने पटना, समस्तीपुर समेत मुंबई, नवी मुंबई और मध्य प्रदेश के खरगोन में छापेमारी की है. छापेमारी के दौरान आरोपियों और उनके सहयोगियों के परिसरों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज व वस्तुएं बरामद की गयी.
सीबीआइ द्वारा दी गयी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जायेगा. सीबीआइ ने दो अलग-अलग मामलों की जांच के दौरान यूबी सेंटर, जेएनसीएच, मुंबई (महाराष्ट्र) में तैनात सीमा शुल्क के दो तत्कालीन उपायुक्तों को गिरफ्तार किया है. सीबीआइ ने यूबी सेंटर, जेएनसीएच, मुंबई में तैनात सीमा शुल्क के दो तत्कालीन उपायुक्तों और एक निजी व्यक्ति, सीएचए आदि सहित अन्य के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. इन लोगों पर दो वर्षों से अधिक समय तक विदेश में रहने वाले विभिन्न व्यक्तियों के पासपोर्ट का उपयोग करने के लिए सिंडिकेट के रूप में काम करने और पासपोर्ट धारकों से संबंधित वस्तुओं की आड़ में विभिन्न वस्तुओं को आयात करने के लिए उन पासपोर्टों का उपयोग करने के आरोप है. गिरफ्तार उपायुक्तों पर आरोप लगाया गया है कि यूबी सेंटर, जेएनसीएच, मुंबई में अपनी पोस्टिंग के दौरान अलग-अलग समय पर अन्य लोगों के साथ साजिश रची और सीमा शुल्क अधिनियम के तहत निवास हस्तांतरण के प्रावधान का गलत इस्तेमाल किया.
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सीबीआइ ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त सिंडिकेट ने विभिन्न व्यक्तियों के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया,जो 02 वर्षों से अधिक समय तक विदेश में रहे थे. विशेष रूप से खाड़ी देशों में घरेलू वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और अन्य अज्ञात वस्तुओं सहित विभिन्न वस्तुओं का आयात करने के लिए पहले माल को कम करके और अन्य घोषित वस्तुओं के साथ कुछ अन्य अघोषित वस्तुओं को छिपाकर लाते थे. इसके अलावा निजी व्यक्ति के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र कर रहे थे और इस तरह एकत्र की गयी अवैध रिश्वत को विभिन्न खातों और व्यक्तियों को बैंकिंग चैनल और हवाला के माध्यम से भेजा गया था. आरोपियों ने सीमा शुल्क अधिकारियों की मदद से सीएचए द्वारा लायी गयी खेपों को कथित तौर पर प्रभार से बाहर देने के लिए उक्त तरीके को अपनाया था. साथ ही निजी व्यक्ति के माध्यम से लोक सेवकों को कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी.