सहरसा हेड पोस्ट ऑफिस व हेड पोस्ट ऑफिस सुपौल में हुए लगभग साढे़ तीन करोड़ के गबन को लेकर बुधवार को सीबीआइ की टीम ने दूसरी बार आरोपितों के घरों पर छापेमारी की. वहीं हेड पोस्ट ऑफिस पहुंच कर जानकारी ली. सीबीआइ की टीम के पहुंचते ही मुख्य डाकघर में हडकंप मंच गया. अधिकारियों ने विभिन्न कागजातों की जांच की. सीबीआइ की टीम मंगलवार से ही आरोपितों के घरों पर छापेमारी कर रही है. इस दौरान टीम ने मंगलवार की शाम आरोपित प्रमोद झा के सिमराहा स्थित आवास, बिरेन्द्र साह के सौर बाजार के भपटिया स्थित पैतृक आवास व शहरी क्षेत्र के बटराहा स्थित आवास पर छापेमारी की. वहीं बुधवार को आरोपित राजेश कुमार के पैतृक आवास सलखुआ में व मुकेश मिश्रा के नया बाजार स्थित आवास पर घंटों जांच की. हालांकि इस दौरान क्या पाया गया जांच अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी व निकल गये.
पोस्ट मास्टर को किया गया था निलंबित
पोस्ट मास्टर जनरल पटना सर्किल ने पूर्व में गबन की जांच को लेकर सीबीआइ को पत्र भेजा था. इस आलोक में जांच के लिए सीबीआइ टीम पिछले वर्ष अक्टूबर में पहुंची है. गबन के आरोप में तत्कालीन हेड पोस्ट ऑफिस सहरसा के पोस्ट मास्टर राजेश कुमार को पूर्व में ही निलंबित कर दिया गया था. जबकि इनके साथ 14 अन्य कर्मियों को भी पूर्व में निलंबित किया जा चुका है. पोस्ट ऑफिस सहरसा के तत्कालीन पोस्ट मास्टर राजेश कुमार को सरकारी राशि के गबन का मुख्य आरोपी बनाया गया है एवं इस गबन का मास्टरमाइंड भी विभाग द्वारा इन्हें करार दिया गया है.
पिछले साल फरवरी में हुई थी विभागीय जांच
गबन की जांच तत्कालीन पोस्ट मास्टर जनरल अदनान अहमद द्वारा फरवरी माह में की गयी थी. इसमें तीन करोड़ 30 लाख के सरकारी राशि के गबन का मामला उजागर हुआ था. इसको लेकर पोस्ट मास्टर जनरल ने पोस्ट ऑफिस सहरसा के पोस्ट मास्टर को मास्टमाइंड मानते हुए राजेश कुमार को निलंबित कर दिया था. साथ ही उनके सहयोग के लिए 14 अन्य कर्मियों को भी निलंबित किया गया था. मुख्य आरोपी सहरसा हेड पोस्ट ऑफिस के तत्कालीन पोस्ट मास्टर राजेश कुमार को मुख्य आरोपी बनाया गया. जांच के दौरान सहरसा हेड पोस्ट ऑफिस में एक करोड़ 90 लाख एवं सुपौल हेड पोस्ट ऑफिस में एक करोड़ 30 लाख की सरकारी राशि के गबन का मामला उजागर हुआ. इस पर कार्रवाई करते हुए तत्काल 14 अन्य कर्मियों की संलिप्तता पाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था.