राबड़ी देवी के आवास पर छापेमारी के दौरान गहमागहमी दिखी. छह से सात बजे के बीच सीबीआइ की तीन टीमें अलग-अलग समय पर पहुंचीं. आवास के अंदर कार्रवाई चल रही थी. वहीं बाहर राजद कार्यकर्ता और नेता लालू जिंदाबाद के साथ अपने नेता के साथ खड़े दिखे. सीबीआई और केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक नारेबाजी और प्रदर्शन का दौर पूरे दिन चला. सीबीआई छापेमारी के दौरान सबसे पहले राबड़ी देवी के भाई प्रभुनाथ सिंह, आलोक मेहता और उर्मिला ठाकुर पहुंचीं.
इसके बाद मुकेश रौशन, सुदय यादव, सतीश दास, राम विष्णुसिंह, विजय सम्राट,फतेह बहादुर, सुनील सिंह, प्रो रामबली सिंह ,शिवचंद्र राम, श्याम रजक, चितरंजन गगन, प्रेम कुमार मणि, मदन शर्मा, शक्ति सिंह और भाई अरुण पहुंचे. इसके साथ ही विधायकों के नेतृत्व में जबरदस्त प्रदर्शन शुरू हुआ. सीबीआइ के खिलाफ नारेबाजी की गयी. दोपहर बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी व तनवीर हसन पहुंचे. इन सभी ने केंद्र की इस कार्रवाई को राजनीतिक मकसद से परेशान करने वाला बताया.
पटना . सीबीआई की टीम करीब 15 घंटे तक राबड़ी देवी के आवास पर जमी रही. इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे. राजद कार्यकर्ता सीबीआइ के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे. इसी दौरान कुछ वरिष्ठ राजद नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूछताछ के दौरान सीबीआइ ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया है. इस पर कार्यकर्ता उत्तेजित हो गये. जबरदस्त हंगामा करने लगे. आवास के मुख्य गेट को धक्का देने लगे और अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. देर शाम जब सीबीआई टीम वापस लौट रही थी तो कार्यकर्ताओं का गुस्सा देख पूर्व सीएम राबड़ी देवी और तेज प्रताप उन्हें छोड़ने गेट तक आये.
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हालांकि, परिसर से बाहर आने के बाद राजद कार्यकर्ताओं ने सीबीआइ टीम की गाड़ियों पर मुक्के भी चलाये. इसके पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने के लिए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने काफी प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता काफी उग्र थे. कार्यकर्ताओं ने गेट पर जम कर दरवाजों पर ही लात घूंसे चलाये. हालांकि बाद में भारी संख्या में पहुंची पुलिस बल ने उत्तेजित कार्यकर्ताओं को शांत कराया. बाद में सीबीआइ की अनुमति से अब्दुल बारी सिद्दीकी को राबड़ी आवास के अंदर दाखिल किया गया.