13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कश्मीर में जमीन खरीदनेवाले पहले आइएएस नवीन चौधरी के दरभंगा समेत 14 ठिकानों पर सीबीआई का छापा

बिहार में दरभंगा के अलावा जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई, नोएडा और त्रिवेंद्रम (केरल) शहरों के अलग-अलग स्थान शामिल हैं. 1994 बैच के आइएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी पर वहां के चेनाब वैली पॉवर प्रोजेक्ट लिमिटेड में बतौर चेयरमैन टेंडर प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी करने का आरोप है.

पटना. सीबीआइ ने भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग से जुड़े एक अहम मामले में जम्मू-कश्मीर में तैनात बिहार मूल के आइएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी, निजी कंपनी समेत नौ लोगों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की है. इसमें बिहार का दरभंगा के अलावा जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई, नोएडा और त्रिवेंद्रम (केरल) शहरों के अलग-अलग स्थान शामिल हैं. 1994 बैच के आइएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी पर वहां के चेनाब वैली पॉवर प्रोजेक्ट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) में बतौर चेयरमैन टेंडर प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी करने का आरोप है. इसके साथ ही किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्रोजेक्ट के टेंडर में भी गड़बड़ी मिलने के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गयी है.

कुल नौ अभियुक्त बनाये गये हैं

सीबीआई की जम्मू-कश्मीर इकाई ने सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन अध्यक्ष सह पूर्व आइएएस अधिकारी समेत सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन एमडी एमएस बाबू, तत्कालीन निदेशक एमके मित्तल, तत्कालीन निदेशक अरुण कुमार मिश्रा के अलावा तीन निजी कंपनियों और अन्य अज्ञात लोगों को मिलाकर कुल नौ अभियुक्त बनाये गये हैं. इन सभी अभियुक्तों के कार्यालय और आवास समेत अन्य ठिकानों पर देर रात तक छापेमारी चली.

बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद

इस दौरान नवीन कुमार चौधरी के ठिकानों से कई संवेदनशील और इससे जुड़े बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके साथ ही कई अहम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मसलन लैपटॉप, मोबाइल, टैब समेत अन्य चीजें भी जब्त की गयी हैं. फिलहाल इन सभी दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है. साथ ही इस पूरे मामले में इनके राजनैतिक कनेक्शन की भी तलाश की जा रही है.

दो हजार 818 करोड़ रुपये की थी परियोजना

सीबीआइ की अब तक हुई जांच में यह बात सामने आयी है कि सीवीपीपीपीएल का सिविल वर्क दो हजार 818 करोड़ रुपये का था. इस तरह दोनों परियोजनाओं के सिविल वर्क में निजी कंपनियों मेसर्स पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड, मेसर्स ट्रिनिटी, मेसर्स रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था. इन कंपनियों को फायदा पहुंचाने और गलत तरीके से टेंडर दिलाने के लिए सीवीपीपीपीएल की 47वीं एवं 48वीं बोर्ड की तत्कालीन कमेटी ने नियमों की अनदेखी की और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में भी फिर से टेंडर कराकर संबंधित कंपनी को टेंडर दे दिया गया.

तत्कालीन अध्यक्ष थे नवीन कुमार चौधरी

इस बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष आइएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी और अन्य तत्कालीन निदेशक थे. सीबीआई की जांच में यह भी उल्लेख है कि इस टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बोर्ड की 48वीं बैठक में निदेशक मंडल में शामिल एक आइएएस अधिकारी ह्रदेश कुमार ने तत्कालीन एमडी को पत्र भी लिखा था, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं पड़ा और तमाम बातों को दरकिनार करते हुए गलत तरीके से टेंडर संबंधित कंपनियों को दे दिया गया. इसमें आइएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी की भूमिका बेहद अहम रही है. इन योजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. मोहम्मद उसमान खान ने लिखित रूप से सीबीआई को की है. इसके बाद पूरे मामले की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

आइएएस नवीन कुमार चौधरी के बारे में

आइएएस नवीन कुमार चौधरी जम्मू-कश्मीर के पहले ऐसे बाहरी व्यक्ति हैं, जिन्हें वहां आवासीय प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है. इसके साथ ही वे वहां के स्थानीय निवासी हो गये और इसके बाद उन्होंने वहां जमीन भी खरीदी है. वर्तमान में जम्मू के गांधी नगर में रहते हैं. वे मूल रूप से दरभंगा के हायाघाट प्रखंड के मझौलिया गांव के रहने वाले हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें