NEET Paper Leak: नीट यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई को अपनी जांच में हर दिन नई जानकारियां मिल रही हैं. मंगलवार को अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए सनी कुमार और रंजीत कुमार नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसी सिलसिले में सीबीआई ने बुधवार को गया के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के हरैया गांव में पेपर लीक के एक आरोपी के ठिकाने पर छापेमारी की. आरोपी का नाम शिवनंदन यादव है. स्थानीय पुलिस की मदद से की गई छापेमारी में जांच एजेंसी को कई अहम दस्तावेज मिले हैं.
EOU ने शिवनंदन यादव को किया था गिरफ्तार
सूत्रों के अनुसार शिवनंदन यादव ने नीट के प्रश्नपत्र और उत्तर हासिल करने के लिए एक परीक्षा माफिया से 40 लाख रुपये में सौदा किया था. इस रकम में से करीब 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया था, जबकि शेष राशि परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद दी जानी थी. शिवनंदन यादव को पेपर लीक मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह जेल में है. छापेमारी के बारे में सीबीआई भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है.
सीबीआई की सात सदस्यीय टीम साक्ष्य जुटाने के लिए गई थी गया के बाराचट्टी
जानकारी के अनुसार, नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में साक्ष्य जुटाने के लिए सात सदस्यीय सीबीआई की टीम गया के बाराचट्टी पहुंची. आरोपी शिवनंदन के पिता रामस्वरूप यादव उर्फ साधु यादव की तलाश की गई. लेकिन वह घर पर मौजूद नहीं थे. जिसके बाद सीबीआई की टीम ने आरोपी शिवनंदन के चाचा निरंजन यादव से लाइन होटल काहुदाग स्थित उनके आवास पर करीब चार घंटे तक पूछताछ की.
पूछताछ के दौरान शिवनंदन की संपत्ति और नीट पेपर लीक से जुड़े सवाल पूछे गए. बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी आरोपी के सभी परिजनों की कुंडली लेकर लौट गई है. इस मामले में स्थानीय पुलिस कुछ भी कहने से इनकार कर रही है. वहीं, दूसरी ओर सीबीआई भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से परहेज कर रही है.
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समाप्त हो जाएगी 4 आरोपियों की रिमांड अवधि
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई रिमांड पर चल रहे आरोपी एहसान उल हक, इम्तियाज, जमालुद्दीन और अमन सिंह की रिमांड अवधि गुरुवार को खत्म हो जाएगी. सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों की रिमांड अवधि एक बार बढ़ा दी है. इनकी रिमांड अवधि 7 जुलाई को खत्म हो गई थी, लेकिन सीबीआई के वकील की अर्जी पर अदालत ने इन्हें 11 जुलाई तक रिमांड पर भेज दिया था.
सीबीआई इन चारों आरोपियों से पिछले आठ दिनों से पूछताछ कर रही है. जिसमें वह पेपर लीक का फायदा उठाने वाले अभ्यर्थियों और उनके लिए मध्यस्थता करने वाले एजेंटों के बारे में जानकारी ले रही है. साथ ही पेपर लीक करने वाले अन्य नेटवर्क के बारे में भी जानकारी जुटा रही है, ताकि बिहार, झारखंड के साथ-साथ अन्य राज्यों में फैले गिरोह का पता लगाया जा सके. लेकिन अब तक सीबीआई किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है.