Neet Paper Leak: पटना में प्रिंसिपल समेत अन्य आरोपितों से राज उगलवाएगी CBI, गुप्त जगह भी लेकर गयी
नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर रही है. बिहार की अदालत ने हजारीबाग के आरोपित प्राचार्य समेत अन्य अभियुक्तों की रिमांड जांच एजेंसी को दे दी है.
NEET Paper Leak: नीट प्रश्न पत्र मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने हजारीबाग के एक स्कूल के प्राचार्य, उप प्राचार्य समेत तीन को रिमांड पर लेकर शनिवार को पूछताछ की. शुक्रवार की देर रात पटना लाये गये तीनों आरोपितों को शनिवार की सुबह कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को जेल भेजने का आदेश दिया. इसी बीच सीबीआइ के अनुरोध पर विशेष अदालत ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्राचार्य डा एहसान उल हक, उप प्राचार्य इम्तियाज और जमालुद्दीन को चार जुलाई तक के पूछताछ के लिए सीबीआइ को रिमांड पर सौंप दिया.
गुप्त जगह ले जाकर पूछताछ की!
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ गुप्त जगह पर ले जाकर पहले तीनों से अलग-अलग और फिर बाद में एक साथ बिठा कर पूछताछ की है. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक तीनों आरोपितों से नीट प्रश्न पत्र के हजारीबाग पहुंचने और उसे परीक्षा हाल तक ले जाने की पूरी प्रक्रिया और लीक होने की तह तक की पूछताछ कर रही है.
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4 जुलाई तक के लिए मिला रिमांड
इसके पहले सीबीआइ की विशेष टीम ने हजारीबाग से गिरफ्तार किये गये आरोपित प्राचार्य डा एहसान उल हक, उप प्राचार्य इम्तियाज और जमालुद्दीन को हिरासती पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर दिये जाने की प्रार्थना की. अदालत ने प्रार्थना स्वीकार करते हुए तीनों अभियुक्तो से हिरासती पूछताछ के लिए 29 जून से चार जुलाई तक के लिए सीबीआई को सौंपे जाने का आदेश आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर के अधीक्षक को दिया. Neet Paper Leak की अन्य खबरें यहां पढ़ें…
अदालत का क्या है आदेश…
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि तीनो अभियुक्तों की चिकित्सकीय जांच करने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी और फिर चिकित्सकीय जांच कराकर चार जुलाई को दिन के 11 बजे तक न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर देने का निर्देश दिया. इससे पूर्व अदालत ने 26 जून को इस मामले के दो अन्य अभियुक्त चिंटू उर्फ बलदेव और मुकेश तथा 28 जून को आशुतोष और मनीष से पुलिस रिमांड पर पूछताछ के लिए चार जुलाई तक के लिए लिए सीबीआइ को सौंपे जाने का आदेश दिया है.
सीबीआई ने दर्ज किया मामला…
सीबीआइ ने इस मामले में पटना के शास्त्री नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 358/2024 के आधार पर अपनी प्राथमिकी आरसी 224 /2024 दिनांक 23 जून को भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 406, 407 ,408 और 409 के तहत दर्ज की है और मामले का अनुसंधान अपने हाथ में ले लिया है. विशेष अदालत में यह मामला आरसी 6 ई/ 2024 के रूप में दर्ज किया है.