मुजफ्फरपुर/सीवान. पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में सीबीआई को गवाह कसेरा टोली निवासी बदामी देवी का सत्यापन करने पहुंची. पांच सदस्यीय टीम ने किरायेदार वीरेंद्र पांडेय और मोहल्ले के आधा दर्जन लोगों का बयान दर्ज किया. मोहल्ले के अधिकांश लोगों ने सीबीआई टीम को बताया कि बदामी देवी जिंदा हैं. कई वर्षों से वे सीवान में नहीं थीं. वे किसी संबंधी के यहां चली गयी थीं. एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने कोर्ट में कोई डेथ सर्टिफिकेट जमा नहीं किया है. बदामी देवी का पता लगाने के लिए सीबीआई के एक अधिकारी सीवान भेजा गया था.
दो दिन पूछताछ के दौरान आसपास के लोगों एवं वार्ड पार्षद द्वारा बताया गया कि बदामी देवी की मौत हो चुकी है. गत शुक्रवार को बदामी देवी ने मुजफ्फरपुर स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में हाजिर होकर कोर्ट को बताया कि मैं जिंदा हूं. उन्होंने सीबीआई पर आरोप लगाया कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में मुझे गवाह बनाया था, लेकिन सीबीआई मुझसे गवाही के लिए कभी संपर्क नहीं किया और मुझे मृत घोषित करते हुए न्यायालय में अपनी रिपोर्ट सौंप दी. इस पर कोर्ट ने सीबीआई से जवाब तलब किया था.
सीबीआई की विशेष कोर्ट में हाजिर होने के बाद बदामी देवी का वेरिफिकेशन करने पहुंची सीबीआई टीम पर बदामी देवी ने टॉर्चर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 90 की उम्र में टीम के अधिकारियों ने इस तरह टॉर्चर करके पूछा कि मेरे सीने में दर्द शुरू हो गया. उसने आरोप लगाते हुए कहा कि सभी अधिकारियों द्वारा परेशान करने की नियत से पूछताछ की.
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सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि तुम कोर्ट में क्यों हाजिर हुई. सीबीआई के अधिकारियों ने इस आरोप को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने अच्छी तरह से पूछताछ की है. बदामी देवी की नातिन सरिता साहा ने कहा कि शुक्रवार को जब वे लोग मुजफ्फरपुर सीबीआई की विशेष कोर्ट में हाजिर होने के लिए जा रहे थे. उसी दौरान उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया. उन्होंने अपने एवं अपने पुत्र का जख्म भी दिखाया.