सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) ने 15 फरवरी, 2023 से बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत होने की घोषणा कर दी है, वहीं बिहार बोर्ड की परीक्षाएं 1 फरवरी से शुरू हो रही हैं. एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में 34 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे. इन छात्रों के लिए काउंटडाउन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में मनचाहा स्कोर प्राप्त करने के लिए छात्र किस तरह की स्ट्रेटजी को अपनाकर अपनी तैयारी को अंतिम स्वरूप दे सकते हैं, आइये जानते हैं विस्तार से…
बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत में अब कुछ दिन ही शेष रह गये हैं. ऐसे में छात्रों के लिए बेहतर होगा कि वे बचे हुए दिनों में रिवीजन व प्रैक्टिस को एक साथ समय दें. इसके लिए समय को सभी विषयों के लिए इस तरह विभाजित करें कि आप अभ्यास के बाद रिवीजन कर सकें. तैयारी को पुख्ता बनाने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना सबसे उपयुक्त तरीका माना जाता है. सीबीएसइ ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर दसवीं और बारहवीं परीक्षा 2023 के लिए सैंपल पेपर्स जारी किये हैं. यहां परीक्षा के पैटर्न और मार्किंग स्कीम आदि की जानकारी भी दी गयी है. छात्र सैंपल पेपर सॉल्व करके परीक्षा के पैटर्न व प्रश्नों को अच्छे से समझ सकते हैं. इन सैंपल पेपर्स को हल करके आप टाइम मैनेजमेंट करना भी सीख सकते हैं.
रिवीजन के नाम पर पूरी किताब पढ़ने में अपना समय बरबाद न करें. प्रत्येक विषय को चैप्टरों के वेटेज के आधार पर रिवाइज करें. पुराने प्रश्नपत्रों को हल करने से आपको यह अनुमान हो जायेगा कि परीक्षा में किस चैप्टर से कैसे और कितने प्रश्न पूछे जा रहे हैं. अध्यायों के वेटेज एवं बोर्ड परीक्षा में बार-बार दोहराये जाने वाले टॉपिक्स की जानकारी बचे हुए समय में तैयारी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी.
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परीक्षा में मनचाहा स्कोर पाने के लिए सभी विषयों की तैयारी पर बराबर जोर देना चाहिए. लेकिन, अक्सर देखा जाता है कि छात्रों को जो विषय आसान लगते हैं वे उन विषयों से रिवीजन शुरू कर देते हैं. आप ऐसी गलती न करें, पहले कठिन विषयों व मुश्किल टॉपिक्स का रिवीजन करें, ताकि वक्त रहते आपके सारे डाउट्स क्लीयर हो जायें. आसान विषयों को आप बचे हुए समय में भी रिवाइज कर सकते हैं.
प्रश्नों के उत्तर को केवल पढ़ने के बजाय लिख कर या हल करके रिवाइज करने का प्रयास करें. लेखन याद रखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है और लिखी गयी बातें लंबे समय तक याद रहती हैं. इससे राइटिंग स्किल्स में भी निखार आता है और प्रश्नों को कम समय में हल करने की खूबी का विकास होता है
बचे हुए दिनों में किसी नयी प्रैक्टिस बुक काे पढ़ने की बजाय अपने बनाये नोट्स का उपयोग करें. ये नोट्स कम समय में अधिक-से-अधिक टॉपिक्स का रिवीजन करने में मददगार साबित होंगे. सवालों को हल करने के लिए आपने जो शॉर्टकट फॉर्मूले तैयार किये हैं, उन्हें अच्छे से देखें. प्रत्येक टॉपिक को लेकर अपना कांसेप्ट क्लियर रखें.
बोर्ड परीक्षाओं के लिए पढ़ाई करते समय छात्र अक्सर ब्रेक लेना भूल जाते हैं और लगातार घंटों तक पढ़ते रहते हैं. लेकिन दिमाग की एक क्षमता होती है, बिना ब्रेक लिए पढ़ते रहते से छात्रों में तनाव विकसित हो सकता है. ऐसे में बेहतर होगा कि छात्र हर 45 मिनट बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक लेकर पढ़ाई करें. इससे दिमाग व शरीर को रिलैक्स होने का मौका मिलेगा.
परीक्षा को लेकर छात्रों को थोड़ा तनाव होना लाजमी है, लेकिन इसे खुद पर हावी न होने दें. तैयारी पर जोर देते हुए रिलेक्स रहने काप्रयास करें. दिनचर्या की शुरुआत योग से करें. अच्छी नींद लें. तले-भुने व अधिक मसालेवाले भोजन का सेवन करने से बचें. ठंड के मौसम को देखते हुए चाय, कॉफी व कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक न करें.
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छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं के तनाव से दूर रखने के लिए सीबीएसई ने महत्वपूर्ण पहल की है. हाल में सीबीएसइ ने 10वीं और 12वीं के छात्रों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की सेवा शुरू की है. काउंसलिंग के लिए सीबीएसई की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किये गये हैं. यह मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग पूरी तरह फ्री है. बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्र व उनके अभिभावक 1800-11-8004 पर जब चाहें कॉल कर सकते हैं. छात्रों की काउंसलिंग के लिए सीबीएसइ द्वारा 84 मनोवैज्ञानिकों की टीम बनायी गयी है.
बोर्ड परीक्षा में अब ज्यादा समय नहीं है, ऐसे मेंछात्र किसी नये टॉपिक को पढ़ने की शुरुआत न करें. अब तक जो पढ़ा है, उसे ही रिवाइज करें. पढ़े हुए टॉपिक्स के सभी डाउट्सक्लियर रखें. इसके लिए वे टीचर्स या दोस्तों की मदद भी ले सकते हैं. पुराने प्रश्नपत्रों को हल करें. अपने नोट्स देखें. ये टाइम अब नये टॉपिक को पढ़ने का नहीं है, यदि कोई छात्र ऐसा करेगा, तो इससे उसका केवल समय बर्बाद होगा. दिन में पढ़ाई का रूटीन बनायें और 6 से 7 घंटे की नींद अवश्य लें.
दिमाग को शांत रखें और शाम के वक्त कुछ देर सैर पर जायें या अपनी पसंद की एक्टिविटी मेंहिस्सा लें. अभिभावकों के लिए भी जरूरी है कि वे छात्रों को सपोर्ट करें. उन पर अधिक अंक लाने का दबाव न बनाएं. बच्चों के खानपान का ख्याल रखें. घर का माहौल शांत रखें ताकि बच्चे एकांत में पढ़ाई पर फोकस कर सकें. कोई भी ऐसी बात न करें, जिससे बच्चे का मनोबल कमजोर हो.