भभुआ सदर. सरकारी महकमा किस प्रकार से काम करता है, इसका जीता जागता उदाहरण भभुआ नगर पर्षद में देखने को मिल सकता है. यहां नप द्वारा वर्ष 2018 में ही शहर के 17 स्थानों पर प्लाज्मा आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने थे. लेकिन, दो साल बाद भी शहर के मात्र एकता चौक व राजेंद्र सरोवर के समीप ही कैमरे लगाये गये. जबकि, शहर के बाकी जगहों व चौक चौराहों पर अब भी सीसीटीवी कैमरे नगर पर्षद द्वारा नहीं लगाये जा सके हैं.
इधर,दो सालों में एकता चौक और राजेंद्र सरोवर पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं और दोनों कैमरे किसी काम के नहीं रह गये हैं.
यही नहीं नगर पर्षद कार्यालय के बाहरी परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन,यह भी बंद या खराब पड़े हुए हैं. इसके चलते शहर में होनेवाली असामाजिक गतिविधियों पर नजर रखने में परेशानी आ रही है. क्योंकि, हाल फिलहाल दो माह पूर्व अपराधियों ने पोस्ट ऑफिस के समीप एक मोबाइल दुकानदार की हत्या कर नप परिसर के रास्ते भाग निकले थे.
मामले में जब भभुआ थाने की पुलिस नप कार्यालय के बाहरी परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच करने पहुंची, तो पुलिस को बताया गया कि उक्त सभी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. इसके चलते हत्या कर भागने वाले बाइक सवार अपराधियों की शिनाख्त नहीं की जा सकी. हालांकि,मामले में नप ईओ संजय उपाध्याय ने उस वक्त सभी कैमरों को दुरुस्त कराने की बात कही थी. लेकिन, अब तक कैमरों को सही नहीं कराया जा सका है.
वर्ष 2018 में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 17 स्थलों को चिह्नित किया गया था. इसमें जिला मुख्यालय का एकता चौक, पटेल चौक, जेपी चौक, वन विभाग, अखलासपुर व सोनहन बस स्टैंड सहित अन्य प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने थे.
नगर पर्षद द्वारा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना भी तैयार कर ली गयी थी. सीसीटीवी कैमरा लगाने और उसकी मॉनीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम भी बनना था.
सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का मकसद यही था कि इससे शहर में अपराध व ट्रैफिक कंट्रोल पर अंकुश लगाया जा सकेगा. लेकिन,नगर पर्षद द्वारा दो सालों के बीच मात्र एकता चौक और राजेंद्र सरोवर के ही समीप ही सीसीटीवी कैमरे लगाये गये.
Posted by Ashish Jha