Loading election data...

बिहार में 261 नगर निकाय, केंद्र मात्र 142 के लिए दे रहा राशि, वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत मांगे गए अधिक रुपये

15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर पंचायती राज विभाग को जो राशि मिली है, उसके बंटबारे में भी परेशानी हो रही है. बिहार के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अब भी पुराने शहरीकरण की दर के आधार पर ही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2023 3:05 AM

वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगर निकायों की संख्या 142 से बढ़ कर 261 हो गयी है, लेकिन केंद्र से मिलने वाली राशि अब भी 2020 के हिसाब से 142 निकाय को ध्यान में रख कर ही भेजी जा रही है. नतीजतन पंचायत से नगर निकाय, नगर निकाय से नगर परिषद बने क्षेत्रों में विकास के कार्य में तेजी नहीं आ रही है. राशि की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से राशि की मांग करेगी. इसमें अंतर विभागीय पेच भी फंसा हुआ है.

15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर पंचायती राज विभाग को जो राशि मिली है, उसके बंटबारे में भी परेशानी हो रही है. बिहार के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अब भी पुराने शहरीकरण की दर के आधार पर ही है. वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है राज्य सरकार ने अधिक राशि के लिए जल्द ही पत्र लिखेगी.

बिहार में शहरीकरण का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत की तुलना में

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में शहरीकरण का आंकड़ा सिर्फ 11.27 प्रतिशत था, जो देश में सबसे कम है.राष्ट्रीय औसत 31.16 प्रतिशत है. नये नगर निकाय का गठन होने से राज्य में शहरीकरण में बढ़ोतरी हुई है, यह अब बढ़ कर 20 प्रतिशत के करीब हो गया है. निकाय बनने से राज्य में शहरी इलाकों का विस्तार हुआ है.उन इलाकों में विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए अधिक राशि की जरूरत है. राज्य में 117 ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया है, जबकि आठ नये नगर परिषद बनाये गये हैं.राज्य में नगर निगमों की संख्या भी 12 से बढ़ कर 18 हो गयी है.

नगर निकायों के लिए चल रही है कई केंद्रीय योजनाएं

नये नगर निकाय गठन के बाद केंद्र की योजनाओं से बिहार के शहरों के विकास के लिए अतिरिक्त लगभग 10 हजार करोड़ अधिक की राशि मिल सकती है.नगर निकायों की संख्या बढ़ने से केंद्र प्रायोजित योजनाओं का विस्तार नये क्षेत्रों में भी किया जाना है.इसमें मुख्य रूप से अमृत मिशन, प्रधानमंत्री हाउस फॉर ऑल व पीएम स्वनिधि जैसी योजनाएं शामिल हैं.शहरी आजीविका मिशन के तहत नये निकायों में सेल्फ हेल्प ग्रुप गरीबों के लिए चलायी जानी है. फिलहाल 100 से अधिक निकायों में विभिन्न स्वरूप में योजनाएं चल रही हैं.इसमें लोन लेने की सुविधा, शहरी गरीबों के आवासन आदि के माध्यम से कई सुविधाएं शामिल हैं.कई सौ करोड़ के प्रोजेक्ट हैं. हाउस फॉर ऑल योजना के तहत घ

Next Article

Exit mobile version