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बिहार में खुलेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, जानें इससे छोटे किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

Center of Excellence: केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही बिहार में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने जा रही है. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पटना में दी.

केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही बिहार को एक और बड़ी सौगात देने जा रही है. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आगामी 24 फरवरी के भागलपुर दौरे के दौरान देंगे. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पटना में दी. अपनी एकदिवसीय यात्रा के दौरान चौहान ने कहा कि जल्द बिहार में कृषि उत्पादों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जाएगा. उन्होने कहा कि राज्य में मखाना, मशरूम, शहद, केला, लीची की अच्छी पैदावार होती है. इसके लिए बिहार ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मांग की है. केंद्र सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगा और फिर इसका निर्माण किया जाएगा. इसके निर्माण से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा. 

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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

मखाना, मशरूम, शहद, लीची और केले चमत्कारी काम कर रहे: शिवराज 

उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली और मेहनती किसान बिहार में मखाना, मशरूम, शहद, लीची और केले जैसी विशेष फसलों में चमत्कारी काम कर रहे हैं. उन्होंने बिहार की विशेष फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने मखाना की खेती में मशीनीकरण की योजना की घोषणा की, जो वर्तमान में मानव श्रम पर निर्भर है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बिहार में उत्कृष्टता केंद्र की मांग बढ़ रही है. केंद्र सरकार इस मांग की समीक्षा करेगी और कृषि अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए इसकी स्थापना का समर्थन करेगी. 

बिहार में खुलेगा एक्सपोर्ट कार्यालय  

उन्होंने कहा कि बिहार की राज्य में मखाना की बेहतर खेती हो रही है, एक्सपोर्ट क्वालिटी के मखाने का उत्पादन हो रहा है.मखाना का एक्सपोर्ट कार्यालय खुलने से किसानों को मखाना का उचित दाम मिलेगा. अच्छे बीज का उत्पादन बिहार में ही हो, इसका प्रयास करेंगेय शिवराज ने कहा कि बिहार का मखाना, कतरनी चावल, मगही पान, मक्का, चाय उत्तम क्लालिटी की है. बिहार में मक्का तथा मोटे-पोषक अनाज का उत्पादन बढ़ा है. मक्का के उत्पादन बढ़ने से राज्य की इथेनॉल नीति को प्रोत्साहन मिली है. राज्य में कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाइयों और भंडारण की अपार संभावनाएं हैं. 

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35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 23 हजार टन मखाना का हुआ था उत्पादन

आपको बता दें मखाना की फसल अच्छी होने के बावजूद बाजार में इसकी कीमतें कम नहीं हो रही है. खुदरा बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले मखाना 1400 से 1600 रुपये किलो के बीच बिक रहा है. बीते एक साल से इसकी कीमत एक हजार रुपये किलो से नीचे नहीं उतरी है. जबकि मखाना के खेती का क्षेत्र और उत्पादन दोनों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में राज्य के 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 23 हजार टन मखाना का उत्पादन हुआ था. वहीं यह वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 26 हजार टन मखाना का उत्पादन हुआ है.

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