मुजफ्फरपुर. मोतिहारी जिले के पताही प्रखंड के दलपत विशुनपुर सेंट्रल बैंक से हुए 1.64 करोड़ से अधिक के गबन में निलंबित ब्रांच मैनेजर नंद किशोर दास की गिरफ्तारी की गयी है. पटना आर्थिक अपराध की टीम मंगलवार की अहले सुबह चार बजे दास कॉलोनी में छापेमारी कर आरोपित मैनेजर को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी है. एक माह पहले भी इओयू की टीम ने दास कॉलोनी में छापेमारी की थी, लेकिन उस दौरान मैनेजर फरार मिले थे.
मिठनपुरा थानेदार श्रीकांत सिन्हा ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी अभिषेक कुमार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने निलंबित बैंक मैनेजर नंद किशोर दास को उनके घर दास कॉलोनी से गिरफ्तार किया है. थाने में गिरफ्तारी की लिखित सूचना देने के बाद टीम उनको अपने साथ लेकर पटना चली गयी. जानकारी के अनुसार गिरफ्तार मैनेजर की बेटी पुलिस पदाधिकारी हैं. वर्तमान में वह आरा जिले में पोस्टेड हैं.
पुलिस को दिये जानकारी के अनुसार, बैंक मैनेजर के पद पर रहते हुए नंद किशोर दास ने सहायक प्रबंधक उत्पल आंनद के साथ मिलकर एक करोड़ 64 लाख रुपये का गबन किया था. मामला दिसंबर 2020 में पकड़ में आने के बाद दोनों अधिकारियों को क्षेत्रीय प्रबंधक ने निलंबित कर दिया था. इस मामले में 24 दिसंबर 2020 को इडी की जांच को लिए पत्र लिखा गया था.
21 जनवरी 2021 को तत्कालीन डीएम ने गबन के मामले को गंभीरतापूर्वक जांच करने का आदेश दिया था. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने केस दर्ज करके अनुसंधान शुरू किया था. इसी कड़ी में मंगलवार की अहले सुबह छापेमारी करके आरोपित निलंबित बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है.
पुुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2020 के नवंबर माह में शाखा प्रबंधक नंदकिशोर दास व सहायक प्रबंधक उत्पल आंनद का तबादला कर दिया गया था. बदली का ऑर्डर मिलने के बाद सहायक प्रबंधक उत्पल आनंद ने जागृति जीविका समूह बखरी के खाता के अलावा अन्य विभागों के खाते से राशि अपने खाता में नेफ्ट के माध्यम से अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर फरार हो गये थे. बाद में जांच के दौरान फ्रॉड की राशि बढ़ती चली गयी.
सेंट्रल बैंक में जागृति जीविका समूह का 500 से अधिक खाता संचालित था. इसमें कई खाते से बिना किसी पेमेंट वाउचर के 2020 के दिसंबर माह में नौ-नौ लाख रुपये की निकासी तीन बार में की गयी थी. इसका खुलासा होने के बाद जागृति जीविका समूह की महिलाओं ने बैंक मैनेजर को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की थी. सेंट्रल बैंक के रिजनल मैनेजर ने जांच की तो फ्रॉड की जानकारी हुई. इसके बाद स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.