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बिहार को 19 हजार करोड़ की जगह केंद्र से मिली सिर्फ 951 करोड़ की राशि, अब अटकेंगी ये सड़क परियोजनाएं..

बिहार को केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त राशि नहीं दी गयी जिसकी वजह से अब सूबे की कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटक सकती हैं. बिहार को 9 हजार करोड़ की जगह केंद्र से महज 951 करोड़ रुपए ही मिले. वहीं एनडीए शासित प्रदेशों को पर्याप्त राशि दी गयी. जानिए वजह...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2023 8:50 AM

बिहार को एनएच परियोजनाओं के निर्माण के लिए करीब 19 हजार 289 करोड़ रुपये की जरूरत है और केंद्र सरकार ने शुरुआती तौर पर 2023- 24 के लिए करीब 951 करोड़ रुपये की मंजूरी (बैंक एलोकेशन) दी है. इससे राज्य की महत्वपूर्ण एनएच परियोजनाओं के निर्माण की गति धीमी होने की संभावना है.

एनएच परियोजनाओं के लिए फंड की मंजूरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 26 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में एनएच परियोजनाओं में होने वाली करीब 25 हजार करोड़ रुपये की लागत की वार्षिक मंजूरी दी है. सूत्रों के अनुसार एनडीए शासित वाले अधिकतर राज्यों सहित आगामी चुनाव को भी देखते हुए अधिक राशि की मंजूरी दी गयी है.

सबसे अधिक राशि उत्तराखंड को…

सबसे अधिक राशि की मंजूरी उत्तराखंड के लिए करीब 3993 करोड़ रुपये की दी गयी है. महाराष्ट्र के लिए 3439 करोड़, मध्यप्रदेश के लिए 2536 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. गुजरात के लिए 1811 करोड़, उत्तर प्रदेश के लिए 1092 करोड़ शामिल हैं. वहीं गैर भाजपा शासित अधिक मंजूरी वाले राज्य कर्नाटक में 1966 करोड़, आंध्र प्रदेश में 1215 करोड़, राजस्थान में 1112 करोड़ शामिल हैं.

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जानिए किन प्रोजेक्ट पर होना है काम..

आवंटन की राशि से राज्य में कुछ सड़कों को फोरलेन किया जाना था. कुछ सड़कों को दो लेन करना था. कुछ सड़कों की मरम्मत होनी है. इसके तहत करीब 1050 किमी लंबाई में फोरलेन निर्माण के लिए 3672.45 करोड़ की अनुमानित लागत थी. वहीं, करीब 196 किमी लंबाई में बाइपास बनाने के लिए करीब 2546.30 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है. मिसिंग लिंक के लिए 204 किमी लंबाई में निर्माण की अनुमानित लागत करीब 1370 करोड़ रुपये है.

करीब 395.81 करोड़ की थी मांग..

दो लेन की करीब 192.23 किमी लंबाई की अनुमानित लागत करीब 1065.30 करोड़ रुपये है. करीब 83 किमी लंबाई में चौड़ीकरण के लिए 120 करोड़, बड़े पुल का करीब 51 किमी लंबाई की अनुमानित लागत करीब 10017.75 करोड़, करीब तीन किमी लंबाई में छोटे पुल के निर्माण की अनुमानित लागत करीब 101.50 करोड़ और करीब 334.34 किमी लंबाई में सड़क की मरम्मत के लिए करीब 395.81 करोड़ की मांग का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया था.

इन परियोजनाओं के लिए मांगा गया था वार्षिक आवंटन

पटना, मोतिहारी, जनयनगर, गया और लखीसराय में फोरलेन सड़कों का निर्माण, जेपी सेतु और विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाला पुल, गंडक नदी पर पुल, अरेराज-बेतिया और छपरा के मिसरौली-भेंगारी सड़क का चौड़ीकरण, अनिसाबाद-एम्स एलिवेटेड कॉरिडोर, राजगीर में एलिवेटेड कॉरिडोर सहित कई आरओबी का निर्माण इनमें शामिल हैं.

 भागलपुर में समानांतर सेतु बनाने के लिए जमीन ट्रांसफर की स्वीकृति

भागलपुर में गंगा पर बने विक्रमशिला सेतु के समानांतर बननेवाले फोरलेन पुल के लिए बिहार सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को 12.30 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर दी. यह ट्रांसफर नि:शुल्क रूप से की गयी है. यह जमीन जगदीशपुर व सबौर अंचल क्षेत्र में स्थित है. जमीन ट्रांसफर की स्वीकृति देते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने महालेखाकार व भागलपुर के एडीएम को पत्र भेजा है.

1460 दिनों में बनाकर तैयार करना होगा..

समानांतर पुल बरारी की ओर से बनेगा. पुल के लिए प्लांट बन रहा है. प्लांट जब पूरी तरह से स्थापित हो जायेगा, तो फिर पुल निर्माण का कार्य शुरू होगा. पुल का निर्माण कार्य एजेंसी एसपी सिंघला करायेगी. इसे उन्हें 1460 दिनों में बनाकर तैयार करना होगा. फोरलेन पुल का निर्माण विक्रमशिला सेतु से करीब 50 मीटर दूर पूरब दिशा में होगा. इस पुल के बनने से उत्तर बिहार के शहरों से स्मार्ट सिटी होकर झारखंड तक आवागमन आसान होगा.

994.31 करोड़ होगा खर्च

फोरलेन पुल का निर्माण चार साल में करना है. इस पुल के निर्माण में 994.31 करोड़ खर्च होगा. गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य में यह निर्माण होगा, जिस कारण वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से क्लियरेंस ले लिया गया है.

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