दरभंगा. बिहार सरकार की ओर से दरभंगा एम्स के लिए दी गयी जमीन केंद्र को पसंद आयी है. केंद्र की तीन सदस्यीय टीम ने शोभन में राज्य सरकार की ओर से एम्स निर्माण के लिए आवंटित जमीन का गुरुवार को निरीक्षण किया था. टीम में तकनीकी अधिकारी भी शामिल थे. यहां से लौटकर टीम अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगी. केंद्रीय टीम की ओर से जमीन को उपयुक्त बताने पर जल संसाधन मंत्री संजय झा ने खुशी व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि हम आशा करते हैं कि अब दरभंगा एम्स के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम उठाये जाएंगे.
जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी एनके ओझा के नेतृत्व में टीम शोभन पहुंची थी. टीम में शामिल दिल्ली एम्स के अधीक्षण अभियंता पटना एम्स के अधीक्षण अभियंता के साथ डीएमसीएच के नोडल अधिकारी डॉ. ओपी गिरी भी शामिल थे. बताया जाता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी एनके ओझा ने जमीन देखकर उसपर मुहर लगा दी है. टीम को जमीन का लोकेशन भी बहुत पसंद आया. टीम ने सभी मानकों की जांच कर इसे एम्स के लिए उपयुक्त बताया है. पहले टीम को लो लैंड पर आपत्ति थी, लेकिन अब सरकार ने मिट्टी भराई करबा रही है.
दिल्ली लौटने से पहले केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य विभाग को बताया है कि जमीन लोकेशन के हिसाब से उपयुक्त है. शहर के बाहर है और कई जिलों से सीधे संपर्क में है. आसपास के जिलों के साथ ही पूर्णिया और मोतिहारी जैसे दूर दराज के जिलों से भी रोड कनेक्टिविटी अच्छी है. केंद्रीय टीम के निरीक्षण के बाद दरभंगा एम्स की तमाम बाधाएं अब खत्म हो गयी है. मिट्टी भराई और घेराबंदी के बाद यहां भवन निर्माण का कार्य आरंभ होने की उम्मीद की जा रही है.
इधर, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि दरभंगा के लिए राज्य सरकार न सिर्फ जमीन मुफ्त दे रही है, बल्कि उसका विकास भी करवा रही है. दरभंगा एम्स के लिए आवंटित भूमि में मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी के निर्माण पर 309 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है. उक्त कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा टेंडर भी निकाला जा चुका है. उन्होंने कहा कि एम्स का निर्माण होने से दरभंगा शहर को एक नया विस्तार मिलेगा और इस नये क्षेत्र का तेजी से विकास होगा.