सुबोध कुमार नंदन पटना भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने सोने के गहने पर ने पिछले साल 16 जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है. इसके बाद नये गहने पर हॉलमार्क शुरू कर दिया गया था, लेकिन जिन लोगों के पास खानदानी या पुराने सोने के गहने हैं, वे भी शुद्धता की जांच करवा सकते हैं और गहने की शुद्धता का सर्टिफिकेट हॉलमार्क सेंटर से प्राप्त किया जा सकता है.
इसका फायदा यह होगा कि अगर आप संकट काल में सोने पर लोन चाहेंगे, तो परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि आपके पास भारतीय मानक ब्यूरो का सर्टिफिकेट आपके पास होगा. इसका उपयोग देश के किसी भी हिस्से में किया जा सकेगा. भारतीय मानक ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रमुख एसके गुप्ता ने बताया कि इसके लिए गाइडलाइन जारी की गयी है.
इसके तहत ग्राहक एक से दस पीस गहने (एक लॉट) सर्टिफिकेशन करा सकते हैं. इसके लिए ग्राहक को हॉलमार्क सेंटर में गहने ले जाना होगा. गुप्ता ने बताया कि हॉलमार्क सेंटर का संचालक सोने की शुद्धता की जांच दो चरण में करेगा. पहला एक्स-रे मशीन तथा दूसरा मेल्टिंग प्रोसेस (पिघलना) से होगा.
मेल्टिंग प्रोसेस के लिए गहने का आधा ग्राम कटिंग या छेद कर जांच होगी. इस जांच से पहले ग्राहक को सहमति पत्र देना होगा. जांच के बाद हॉलमार्क सेंटर के संचालक गले हुए सोने को वापस कर देंगे. इसके बाद ग्राहकों को सर्टिफिकेट दे दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि पुराने गहने के सर्टिफिकेशन का न्यूनतम चार्ज 200 रुपये और जीसएटी देना होगा. यानी 236 रुपये देना होगा. एक से दस पीस गहने तक का सर्टिफिकेशन करवाया जा सकता है. अभी तक पुराने सोने की कीमत तय करने के लिए ज्वेलर्स पर निर्भर होना पड़ता था. लेकिन नये प्रावधान के तहत ज्वेलर्स ग्राहकों को अपने मनमुताबिक कीमत नहीं बता सकेंगे, क्योंकिग्राहकों के पास शुद्धता का सर्टिफिकेट होगा.
गुप्ता ने बताया कि खानदानी गहने के सर्टिफिकेशन करवाने पर ग्राहकों से बिल व गहने कहां से आयी इसके संबंध में कोई पूछताछ नहीं की जायेगी. इसके लिए ग्राहक को एक आवेदन पत्र भरकर देना होगा. इसमें नाम, पता, फोटो, ज्वेलरी का वजन व संख्या लिखना होगा. उन्होंने बताया कि सूबे में 33 हॉलमार्किंग सेंटर हैं.