बेतिया. मुजफ्फरपुर के बाद अब बगहा में भी चमकी बुख़ार ने दस्तक दी है. चमकी बुखार का कहर अब बगहा के लोगों को भी डराने लगा है. बच्चों के लिए काल बने इस बुखार ने मुजफ्फरपुर की सीमा से निकलकर बगहा में प्रवेश किया है. इसके बाद से इलाके के लोग खौफ में आ गये हैं.
दरअसल मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के बीच हिट वेब और सर्द गर्म हवाओं के कारण चमकी बुख़ार ने गांव में पांव पसारना शुरू कर दिया है. अब तक बगहा में चार बच्चे इसकी जद में आ गये हैं. ताजा मामला बगहा के रामनगर का है. रामनगर के एक निजी क्लिनिक मे चमकी बुखार के 2 संदिग्ध बच्चे मिलने से दहशत फैल गया है. यहां दो बच्चों में चमकी बुखार की पुष्टि हुई है. जानकारी के अनुसार बच्चे को निजी क्लिनिक भर्ती कराया गया था. हालांकि स्थिति बिगड़ने के बाद बच्चों को जांच और बेहतर इलाज के लिए GMCH बेतिया रेफर कर दिया गया है. वहां डॉक्टर बच्चे के इलाज में जुटे हैं.
परिजनों ने बताया कि गुरुवार की शाम बच्चे को तेज बुखार आया. इसके थोड़ी देर बाद दस्त होने लगा. देखते ही देखते बच्चे की हालत खराब होने लगी. परिजनों ने स्थिति को देखते हुए बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. फिर रामनगर PHC लाये. वहां तैनात डॉ ऐश्वर्या चौबे ने भी आशंका जतायी है कि चमकी के लक्षण दिखायी दे रहे हैं, लिहाजा बिना जांच के कुछ भी दावा करना जल्दबाजी होगी. हालंकि बाद में अस्पताल के डॉ ऐश्वर्या चौबे ने बच्चे में चमकी बुखार होने की पुष्टि की. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए GMCH बेतिया भेज दिया. वहां उसका इलाज चल रहा है.
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में एक की पहचान डेढ़ साल की सलोनी कुमारी और दूसरे बच्चे की पहचान चार वर्षीय शिवम कुमार के रूप में हुई है. एक पीड़ित के पिता का नाम रामलखन मांझी है, जो डुमरी थाना के नौतानमा निवासी हैं. वहीं, दूसरा बच्चा पिपरा गांव का रहने वाला है.
पश्चिम चंपारण जिले के बगहा 2 प्रखंड के डुमवलिया और बगहा 1 प्रखंड के बड़गांव में चमकी बुख़ार की शिकायत पहले भी मिली थी. विगत दिनों भी दो बच्चों में चमकी बुख़ार के लक्षण दिखे थे. उसके बाद यह दूसरा मामला है. बगहा के बड़गांव निवासी नंदकिशोर बांसफोड़ की क़रीब 4 वर्षीय बेटी अन्नू को गंभीर हालत में लेकर परिजन अर्बन पीएचसी बगहा 2 पहुंचे थे. जिसका प्राथमिक उपचार कर चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज़ के लिए GMCH बेतिया रेफर कर दिया था. इसके बाद गांव के बच्चे व लोग सहमे हुए हैं. तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रणवीर सिंह ने लोगों को साफ सफाई के साथ रहने और सर्द गर्म व तेज धूप से बचने कि सलाह दी थी.