profilePicture

छत की सीढ़ी से घर में प्रवेश कर चोरों ने दिया घटना को अंजाम

दो लाख कीमत का आभूषण व 17 हजार नकद उड़ा ले गयेप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, केवल एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से त्रस्त नेपाल में होगी राजशाही की वापसी?Jayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2017 1:54 AM

दो लाख कीमत का आभूषण व 17 हजार नकद उड़ा ले गये

नहीं मानी गयी मांग तो छोड़ देंगे खेती
किसानों ने कहा, " 2500 क्विंटल हो धान का मूल्य
मोतिहारी : धान उत्पादक किसानों की हालत खराब होती जा रही है. जो धान की कीमत 20 वर्ष पहले थी, वह आज भी है. धान खरीदारी की कागजी खानापूर्ति हो रही है और बोनस भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान औने-पौने दाम पर धान बेचने को विवश हैं. किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरिदयाल कुशवाहा सहित अन्य किसानों ने उपज-खर्च विवरण के साथ डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि धान प्रति क्विंटल 25 सौ रुपया निर्धारित नहीं हुआ, तो किसान सिर्फ अपने खाने योग्य धान का उत्पादन करेंगे और इस वर्ष 15 दिनों में मांगों की पूर्ति नहीं हुई,
तो धान की खेती छोड़ देंगे. इसके अलावा संकेत के तौर पर बाजारों को खेतों में उत्पादित धान, गेहूं, सब्जी, दाल आदि की आपूर्ति बाजारों में एक दिन के लिए बंद की जायेगी. इसके बाद सात दिनों का आंदोलन होगा. अपने आंकड़ों में समिति द्वारा कहा गया है कि धान की खेती करने
नहीं मानी गयी
में प्रति एकड़ कटनी तक 20 हजार 700 रुपये खर्च आता है. एक एकड़ में 12 क्विंटल धान का उत्पादन होता है. उसके हिसाब से एक क्विंटल धान उत्पादन में 1725 रुपये का खर्च आता है, जबकि किसान 1000-1300 रुपये तक धान बेचने को मजबूर है. यानी छह से सात सौ रुपये प्रति क्विंटल घाटा हो रहा है. इसलिए सरकार घोषणा के अनुरूप 1725 रुपये का 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़ कर करीब 25 सौ रुपये दर प्रति क्विंटल धान के लिए फिक्स करें अन्यथा किसान सड़कों उतरेंगे. बैठक कर आवेदन देनेवालों में श्री कुशवाहा के अलावा संजय चौधरी, विजय कुमार पांडेय, संतोष सिंह अधिवक्ता, आलोक चंद्र, प्रमोद सिंह, अमित कुमार आदि शामिल है.
मांगों के समर्थन में उतरेंगे चंपारण के किसान
किसान संघर्ष समिति ने हक के लिए भेजा पत्र

Next Article

Exit mobile version