सदर को इलाज की दरकार

विडंबना . आइसीयू के दो कमरों में लगे पांचों एसी खराब टूट गये हैं खिड़कियों के अधिकांश शीशे दवा भी मरीज के परिजन खरीदते हैं अपने पैसे से कंपाउंडर मोबाइल पर डॉक्टर से पूछते हैं दवा मोतिहारी : पूर्वी चंपारण की करीब 53 लाख आबादी के लिए सदर अस्पताल स्थित आइसीयू को खुद इलाज की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2017 4:20 AM

विडंबना . आइसीयू के दो कमरों में लगे पांचों एसी खराब

टूट गये हैं खिड़कियों
के अधिकांश शीशे
दवा भी मरीज के परिजन खरीदते हैं अपने पैसे से
कंपाउंडर मोबाइल पर डॉक्टर से पूछते हैं दवा
मोतिहारी : पूर्वी चंपारण की करीब 53 लाख आबादी के लिए सदर अस्पताल स्थित आइसीयू को खुद इलाज की दरकार है. 14 दिसंबर 2016 को आइसीयू चालू हुआ, तो मिठाइयां बंटी. करीब छह माह ठीक-ठाक चला. वर्तमान में स्थिति यह है कि आइसीयू में पांच एसी है जो सभी खराब है. खिड़की के शीशे टूट गये हैं.
कहने को आइसीयू में करीब चार डाक्टरों व एएनएम की प्रतिनियुक्ति है. एक दो नर्स और कंपाउंडर आइसीयू में मिल भी जायेंगे तो डाॅक्टर नहीं मिलते. कम्पाउंडर द्वारा फोन से दवा पूछी जाती है. रोस्टर के अनुसार प्रतिनियुक्त डाक्टर से. पूछने पर कहा जाता है डाक्टर साहब से बात हुई है. आपको इलाज से मतलब है. सोमवार यानि तीन जुलाई की रात करीब नौ बजे जैकी नामक मरीज के इलाज में भी इसी तरह हुआ. अगर टीम गठित कर आइसीयू व अस्पताल का औचक निरीक्षण हो तो सच्चाई सामने आ जायेगी.
इमरजेंसी दवा भी है नदारद
आइसीयू में किसी प्रकार की इमरजेंसी दवा नहीं है. मरीज के परिजनों को अपने पैसे से दवा खरीदनी पड़ती है. दवा के नाम पर रूई और सिरिंज मात्र है. गंदगी का आलम यह है कि छत में मकड़े का जाल, शौचालय व बेसिन में बदबू दूसरी पहचान बन गयी है. आईसीयू कमरा ठंडा होना चाहिए लेकिन वहां उमस के कारण परिजन मरीज को पंखा झेलते है नजर पड़ जायेंगे. अस्पताल प्रबंधक विजय चंद्र झा ने दवा कमी की बात स्वीकारते हुए कहा कि एसी का पीसीआर जल गया है, जिसे ठीक किया जायेगा. डाक्टर ड्यूटी अगर नहीं करते है तो विभाग को लिखा जायेगा.
आइसीयू का एसी खराब होना, दवा नहीं रहना, डाॅक्टर व अन्य कर्मियों का ड्यूटी पर न रहना गंभीर मामला है. औचक छापेमारी के साथ व्यवस्था में शीघ्र सुधार होगी.
सुनील कुमार यादव, डीडीसी सह नोडल अधिकारी, सदर अस्पताल, मोतिहारी

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