अब तक 11 में से एक रंगदारी मामले का हुआ खुलासा
मोतिहारी : जिलेवासी रंगदारों के खौफ से सहमे हुए है. हरेक तबका रंगदारी की बढ़ती घटनाओं से परेशान हैं, वह चाहे पुलिस हो या पब्लिक. रंगदारी के लिए अपराधियों की धमकी भरे कॉल से पब्लिक परेशान हैं. एक महीने में रंगदारी की ग्यारह प्राथमिकी विभिन्न थानों में दर्ज हुई है, लेकिन सही ढंग से एक […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
August 1, 2017 3:58 AM
मोतिहारी : जिलेवासी रंगदारों के खौफ से सहमे हुए है. हरेक तबका रंगदारी की बढ़ती घटनाओं से परेशान हैं, वह चाहे पुलिस हो या पब्लिक. रंगदारी के लिए अपराधियों की धमकी भरे कॉल से पब्लिक परेशान हैं. एक महीने में रंगदारी की ग्यारह प्राथमिकी विभिन्न थानों में दर्ज हुई है, लेकिन सही ढंग से एक भी मामले का उद्भेदन अबतक नहीं हो पाया है.
इससे सबसे ज्यादा नाराजगी डॉक्टर और व्यवसायी वर्ग में है, क्योंकि ग्यारह मामलों में दो डॉक्टर व पांच व्यवसायी से रंगदारी मांगी गयी है. इससे साफ हो रहा है कि अपराधियों ने डॉक्टर एवं व्यवसायी को सॉफ्ट टारगेट पर रखा है. रंगदारी के मामलों में पुलिस की रस्मी कार्रवाई से खफा आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने सोमवार को शहर में मौन जुलूस निकाला. डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगा जुलूस में शामिल होकर आपराधिक घटनाओं का विरोध जताया. उनका कहना था कि सुरक्षा व आर्म्स लाइसेंस देने से समस्या का समाधान होनेवाला नहीं. इसके लिए पुलिस को ग्राउंड लेवल पर काम करना चाहिए. व्यवसायी संघ में भी इसको लेकर काफी नाराजगी है.
रंगदारी की घटना बढ़ी है. पुलिस रंगदारों तक पहुंचने के लिए ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है. रंगदारी में प्रयुक्त सिम का सीडीआर निकाल अनुसंधान किया जा रहा है. बहुत जल्द नतीजा सामने होगा और अपराधी सलाखों के अंदर होंगे.
पंकज कुमार रावत, सदर डीएसपी, पूर्वी चंपारण
अबतक की कार्रवाई पर एक नजर
26 जुलाई को डॉक्टर टीपी सिंह से रंगदारी मांगी गयी. पुलिस ने उनको तत्काल सुरक्षा मुहैया करायी, वही सोमवार को एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है. पुलिस अबतक ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है.
30 जुलाई को डाॅ चंद्रांशु कुमार से पांच लाख की रंगदारी मांगी गयी. पुलिस ने रंगदारी में प्रयुक्त सिम का सीडीआर निकाल अवलोकन कर रही है. अबतक ठोस नतीजा नहीं निकला पाया है.
11 जुलाई को छतौनी छोटाबरियारपुर के सीमेंट व्यवसायी हरिनारायण सिंह से दस लाख की रंगदारी मांगी गयी. इसमें भी पुलिस के हाथ खाली है. सीडीआर निकाल अनुसंधान करने की बात पुलिस कह रही है.
25 जुलाई को शहर के मेन रोड स्थित हेवेल्स शोरूम के मालिक मनोज नोपानी से 20 लाख की रंगदारी मांगी गयी. इसमें रंगदारी में प्रयुक्त सिम का सीडीआर निकाल पुलिस अनुसंधान में जुटी है.
13 जुलाई को शहर के चांदमारी निवासी विक्रम पटेल से दो लाख की रंगदारी में भी पुलिस आज तक सुराग नहीं ढूंढ़ पायी. टावर लोकेशन लिया तो पहले बेतिया उसके बाद उत्तर प्रदेश बताया. इसको लेकर पुलिस भी कंफ्यूज है.
18 जुलाई को पीपरा में सागर पंचायत के मुखिया पुत्र पप्पू सिंह से तीस लाख की रंगदारी मांगी गयी थी. पुलिस का कहना है कि रंगदारी में प्रयुक्त सिम पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज की एक महिला के नाम पर है. सदर अस्पताल से उस महिला का मोबाइल चोरी हुई थी. उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. इस घटना में भी पुलिस अबतक ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है.
सात जुलाई को मुफस्सिल थाने के ढेकहा लक्ष्मण टोला निवासी दवा व्यवसायी नंदकुमार से पांच लाख की रंगदारी में प्रयुक्त सिम धारक लखौरा के मनोज कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. उसने अपने नाम पर चार सिम निकाला था. दो सिम का इस्तेमाल रंगदारी मांगने में हुआ है. घटना के पीछे कुछ और बदमाश है. पुलिस उन्हें चिह्नित करने में जुटी है.
आठ जुलाई को केसरिया के स्वर्ण व्यवसायी भोलानाथ प्रसाद से कुख्यात कुणाल सिंह के नाम पर 20 लाख की रंगदारी मांगी गयी. पुलिस अनुसंधान में रंगदारी में प्रयुक्त सिम फेंक आइडी पर निकालने की बात सामने आयी है. इससे आगे पुलिस का कदम नहीं बढ़ा है.
24 जुलाई को पीपरा में बलवा पंचायत के मुखिया पति किशुन सहनी से परचा फेंक पांच लाख की रंगदारी मांगी गयी. एक सप्ताह में पुलिस को सुराग नहीं मिली. अनुसंधान चलने की बात पुलिस कह रही है.
तीन जुलाई को रक्सौल कैंब्रिज स्कूल संचालक से शातिर कुणाल सिंह ने 50 लाख की रंगदारी मांग एके-47 से फायरिंग की. पुलिस ने साजिशकर्ता को चिह्नित कर घटना में शामिल शातिर कुणाल के शागिर्द संतोष सिंह को गिरफ्तार किया, लेकिन न तो साजिशकर्ता पकड़ा गया, नहीं कुणाल सिंह की गिरफ्तारी हो सकी है.