..तो नयी सरकार में शहरवासियों को जाम से मिलेगा छुटकारा

रक्सौल : शहर के लोगों का वर्षों से रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग होती रही है. केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के साथ रक्सौल स्टेशन के पूर्वी व पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज पास हुआ था. सरकार ने 2014-15 के बजट में 34-34 करोड़ रुपये ओवरब्रिज के लिए जारी कर दिया था. लेकिन तब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2017 6:53 AM

रक्सौल : शहर के लोगों का वर्षों से रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग होती रही है. केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के साथ रक्सौल स्टेशन के पूर्वी व पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज पास हुआ था. सरकार ने 2014-15 के बजट में 34-34 करोड़ रुपये ओवरब्रिज के लिए जारी कर दिया था. लेकिन तब से आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ सका.

बेतिया सांसद डॉ संजय जायसवाल का आरोप रहा है कि बिहार की महागठबंधन सरकार जान-बूझकर एनओसी नहीं दे रही है. जिसके कारण ओवरब्रिज बनाना मुमकिन नहीं हो रहा था, अब जबकि बिहार में एनडीए की सरकार है और पथ निर्माण विभाग भाजपा के पास है. बेतिया के सांसद डॉ संजय जायसवाल व रक्सौल विधायक डॉ अजय कुमार सिंह से लोगों की उम्मीदें बढ़ गयी है
कि अब पथ निर्माण मंत्री से एनओसी दिलाकर रेलवे ओवरब्रिज बनाने का काम शुरू करें. विगत 30 सितंबर को रक्सौल में प्रेसवार्ता कर बेतिया सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा था कि पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव जान-बूझ कर एनओसी नहीं दे रहे है. जिसके कारण काम शुरू नहीं हो रहा है.
दो रेलवे ओवरब्रिज को वर्षों से नहीं मिल रहा था एनओसी
2014-15 के रेल बजट में ही केंद्र सरकार ने दिया था पैसा
राजद पर एनओसी नहीं देने
का लगा रहा था आरोप
30 सितंबर को सांसद डॉ संजय जायसवाल ने प्रेसवार्ता कर लगाया था पथ निर्माण मंत्री पर गंभीर आरोप
जाम से सालों भर परेशान रहते है रक्सौल के लोग
रहता है रेलवे फाटक बंद
भारत-नेपाल को जोड़ने वाली एनएच पर रक्सौल शहर में रेलवे फाटक हमेशा बंद रहा है. रेलवे के नियम के मुताबिक एक बार में रेलवे क्रॉसिंग 10 मिनट से अधिक बंद नहीं होना चाहिए. लेकिन यहां रेलवे फाटक लगातार एक-एक घंटा बंद रहता है. सप्ताह में कई ऐसे दिन होते है जब रेलवे फाटक का 24 घंटा में 12-12 घंटा बंद रहता है. जिससे शहर में मालवाहक वाहनों की लंबी कतार लग जाती है और जाम से लोग परेशान हो जाते है. रक्सौल शहर का सबसे बड़ी समस्या के रूप में जाम को देखा जाता है और इससे निजात दिलाने के लिए हमेशा मांग उठती रही है. यहां के व्यवसायियों का मनाना है कि सड़क जाम रहने के कारण नेपाल के लोग शहर में समान खरीदने नहीं आते है. जिससे व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित होता है.
शहर से गुजरता है 65 प्रतिशत वाहन
ऐसा माना जाता है कि भारत से नेपाल जो भी समान जाता है. उसका लगभग 65 फीसदी हिस्सा रक्सौल बॉर्डर से जाता है. जिससे देश के विभिन्न शहरों से आनेवाले बड़े मालवाहक वाहन शहर में जाम लगा देते हैं. इससे निजात दिलाने के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं हो सका है. दूसरा यह कि जाम के कारण रक्सौल से काफी व्यापार दूसरे बॉर्डर भी ट्रांसफर हो गया है. आइसीपी निर्माण के बाद जाम की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद शहरवासियों को थी
लेकिन आइसीपी के शुरू होने पर ग्रहण लगा हुआ है और कोई भी अधिकारी उसे शुरू होने का निश्चित समय नहीं बता पाते है. ऐसे में यदि ओवरब्रिज का निर्माण समय पर होता है तो शहर के लोगों के साथ-साथ व्यापारियों व बाहर से माल मंगाने वाले ट्रांसपोर्टरों को भी काफी फायदा होगा. इस संबंध में जानकारी के लिए जब सांसद डॉ जायसवाल को फोन किया गया तो उनका मोबाइल बंद था. इधर, विधायक डॉ अजय कुमार सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब एनडीए की सरकार बनी है. एनओसी पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव से शीघ्र दिलाया जायेगा.

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