ढाका नगर पंचायत में फैला बाढ़ का पानी
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आपदा प्रबंधन िवभाग ने जारी िकया आकड़ा, अब तक 41 लोगों की गयी जान
ढाका नगर पंचायत में फैला बाढ़ का पानी मोतिहारी : नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में हुई मूसलधार बारिश से आयी बाढ़ का कहर जारी है. टूटे तटबंधों से निकला पानी ढाका व पताही के दर्जनों गावों में कोहराम मचाने के बाद अब नगर पंचायत में प्रवेश कर गया है. पानी के तेज बहाव के […]
मोतिहारी : नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में हुई मूसलधार बारिश से आयी बाढ़ का कहर जारी है. टूटे तटबंधों से निकला पानी ढाका व पताही के दर्जनों गावों में कोहराम मचाने के बाद अब नगर पंचायत में प्रवेश कर गया है. पानी के तेज बहाव के कारण ढाका-मोतिहारी सड़क पर आवागमन ठप हो गया है. वहीं, ढाका-बेलवाघाट शिवहर पथ पर चार फिट पानी बह रहा है. ढाका-घोड़ासहन पथ भी बाधित हो गया है. जिले में बाढ़ के पानी में डूबने से चार लोगों की मौत हो गयी है. जमुआ के मो. माजिद बाढ़ के पानी में बह गया है. उसके शव की तलाश जारी है. जबकि कुंडवाचैनपुर थाना के महुआवा के
ढाका नगर पंचायत
तीनों भाइयों का शव सोमवार की सुबह बरामद कर लिया गया. हालांकि, जलस्तर में मामूली गिरावट आया है, जिससे लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. वहीं चिरैया के दर्जनों गावों में भी पानी फैल गया है जिससे लोगों में दहशत है. रविवार को लालबकैया व बागमती नदियों के जलस्तर में हुई भारी वृद्धि से ढाका के बलुआ व सपही गांव के पास लालबकैया का तटबंध टूट गया था. इससे ढाका व पताही के दर्जनों गावों का अनुमंडल मुख्यालय का संपर्क खत्म हो गया.
गुआबारी-मार्जिनल बांध बलुआ के पास व सपही में लालबकेया का बांध टूटा था, जिससे पानी का दबाव बढ़ने के साथ ही गावों में त्राहिमाम मच गया. पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रशासनिक पदाधिकारी क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं. डीएम रमन कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए प्रशासन गंभीर है. हर स्तर से राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ की टीम
रामगढ़वा. आदापुर व रक्सौल प्रखंड में सोमवार को पानी कम हुआ, तो रामगढ़वा प्रखंड में बाढ़ ने उत्पात मचा दिया. इससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. गोनहा व अधकपरिया गांव में सैकड़ों लोग फंसे हैं. इसके बाद एनडीआरएफ चार टीमों को बोट लेकर बचाव के लिए रवाना किया गया. तीन टीम अधकपरिया के लिए तो एक टीम को बौद्धा भेजा गया. एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले आने में जुटी हुई है, तो राष्ट्रीय राज्यमार्ग
बचाव कार्य में
पर आवागमन बाधित है. जानकारी के मुताबिक बेला से भेड़िहरवा को जोड़ने वाली सड़क को बाढ़ की तेज धार ने लगभग 15 फुट तक तोड़ दिया है. वहीं अधकपरिया के केसरे हिंद बांध पर तीन दिनों से पानी का दबाव बना हुआ है. केसरे हिंद बांध के भी टूटने की खबर है. लेकिन एसडीओ श्रीप्रकाश ने कहा कि बांध टूटने की सूचना उन्हें नहीं है. बाढ़ का पानी प्रखंड मुख्यालय, को-ऑपरेअिव कॉलेज, रेश्मा देवी +2 कॉलेज के साथ-साथ अधकपरिया, फुलवरिया, गाद बहुअरी, अहिरौलिया, सिहांसनी, रामढ़वा, भेड़िहारी, त्रिवेणी, सुखी सेमरा, सिसवनिया, डैनिया टोला आदि गांव में बढ़ता जा रहा है. वहीं रामगढ़वा, सिंहासनी, मुरला, धनहरदिहुली, खरकटवा, गुरहनवा, बौद्धा, भलुअहिया, सतपिपरा, मिश्रलिया, खुगनी, इनरवा, चंपापुर, मुसहरी, बैरिया समेत दर्जनों गांव में बाढ़ का कहर बना हुआ है. इस दौरान बेतिया सांसद डॉ संजय जायसवाल व सुगौली विधायक रामचंद्र सहनी, संजय ठाकुर ने रामगढ़वा पहुंच कर अधिकारियों से बाढ़ के संबंध में बातचीत की.
बांध टूटते ही भाग गये सरकारी कर्मी
सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर में बागमती नदी का बांध सौ मीटर के अंदर दो जगह टूट गया है. बांध टूटने की आशंका आसपास के ग्रामीणों को पहले से थी. यही वजह है कि दो दिन पहले से ही ग्रामीण सशंकित थे. जिस जगह पर बांध टूटा. वहां सरकारी कर्मचारियों का कैंप बना हुआ था. वो वहां रह रहे थे. यह जगह सुगनाडीह गांव के पास की है. वहीं के डोरिक पंडित बताते हैं कि रविवार की रात 11 बजे तक हम लोग बांध पर ही थे. पानी बढ़ रहा
बांध टूटते ही
बांध टूटते ही भाग
था, तब हम लोगों ने कर्मचारियों से पूछा भी, तो उन लोगों ने कहा, डरने की बात नहीं है. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. डोरिक पंडित के बेटे विक्रम पंडित जो पेशे से ट्रैक्टर चालक हैं. कहते हैं कि हम लोग सोमवार की सुबह उठे और बांध पर आये थे. हमारे साथ संजय, सुबोध और लालबाबू भी थे. इमराहीपुर से भी कुछ लोग मोटरसाइकिल से आये हुये थे. सोनपुरवा के भी कुछ लोग मौके पर थे. सब लोग देखे, तो बांध से रिसाव हो रहा था. हम सब लोगों ने तय किया की रिसाव कम है,
इसलिए बोरा डाला गया और सामान का इंतजार किया जाने लगा, लेकिन बोरा ज्यादा देर नही टिका, तो हम लोगों ने पास में कर्मचारियों के कैंप को उखाड़ा और उससे रिसाव रोकने की कोशिश की. इससे कुछ देर तक पानी रुका रहा, लेकिन हम लोग जब तक बांध पर ऊपर आते, तब तक कैंप भी बह गया और बांध एकाएक टूट गया. बांध टूटते ही सरकारी कर्मचारी भाग गये, जबकि पास के गांव के लोग अपना सामान समटने और खुद को बचाने में लग गये. बच्चों मवेशियों को बचाने की कोशिश करने लगे. देखते ही देखते पानी की धार हम लोगों के घर तक पहुंच गयी. सब कुछ डूबने लगा. गांव के लोग बांध की ओर भागने लगे.
पहले एक जगह पर बांध टूटा था. कुछ ही देर में दूसरी जगह भी बांध टूट गया. बांध टूटने की जानकारी मिली, तो सरकारी अधिकारियों का आना शुरू हुआ, लेकिन मदद कुछ नहीं मिली. एसडीओ आये तो गांव के लोगों को लगा कि मदद मिलेगी, लेकिन वह लौट गये. बीडीओ भी देख कर चले गये. डोरिक कहते हैं, 2004 के बाद हम लोगों को सुकून मिला था, जब यह बांध बना, लेकिन इस बार पूरी तरह से सपना चकनाचूर हो गया.
बागमती का तटबंध दो जगह टूटा, हजारों बेघर
सीतामढ़ी. जिले में बागमती व अधवारा समूह की नदियों ने अब कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. सोमवार को बागमती, लखनदेई व अधवारा समूह की नदियों के सात स्थानों पर तटबंध टूट गये. इससे हजारों गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. जबकि लाखों की आबादी प्रभावित हुई है. हजारों हेक्टेयर खेत में लगी फसल के साथ करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. इसी बीच, सोमवार को बैरगनिया शहर के भकुरहर में पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण करने गये बैरगनिया शहर के बाबा लाल दास मठ रोड, वार्ड दस निवासी विकास कुमार की बाढ़ के पानी में डूब कर मौत हो गयी. वहीं, बेला थाना
बागमती का तटबंध
सीतामढ़ी में सात
के लक्ष्मीपुर गांव में लालबाबू सहनी की बाढ़ के पानी में डूब कर मौत हो गयी है. रून्नीसैदपुर के भादा गांव में बागमती नदी का तटबंध टूट गया है. जबकि, बथनाहा के खोपराहा, बखरी व धुमहा में तीन स्थानों पर लखनदेई नदी का बांध टूट कर कहर बरपा रहा है. पुपरी में बीररबा के पास अधवारा नदी का बांध ध्वस्त हो गया है. वहीं, बाजपट्टी के जमींदारी, बंगराहा व महमदा में तीन स्थानों पर तटबंध टूट गया है. बैरगनिया में बाढ़ के पानी के चलते बैरगनिया स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास रेलवे ट्रैक बह गया है. इसके चलते बैरगनिया-रक्सौल रेलखंड पर अनिश्चितकाल के लिए ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है.
सुरसंड व बथनाहा में पानी के बहाव में हाइवे बह गया है. उधर, सीतामढ़ी शहर व जिला मुख्यालय डुमरा में लखनदेई नदी का पानी घुस गया है. सीतामढ़ी-रीगा-सुप्पी-बैरगनिया पथ में दस फीट पानी बह रहा है. बाजपट्टी -पुपरी स्टेट हाइवे व बथनाहा-सुरसंड एनएच 104 पर भी पानी का तेज बहाव जारी है. सोनबरसा, मेजरगंज, चोरौत, परिहार, रीगा, बैरगनिया, सुप्पी,सुरसंड, बथनाहा, पुपरी व बाजपट्टी का सड़क संपर्क भंग हो गया है. परिहार, मेजरगंज, रून्नीसैदपुर, सुरसंड, सुप्पी, रीगा, पुपरी, बाजपट्टी, बेलसंड, बथनाहा, सोनबरसा, चोरौत व बैरगनिया में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. हजारों की आबादी स्कूल, बांध, स्टेशन व रेलवे ट्रैक पर शरण ली हुई है.
प्रशासनिक स्तर पर राहत व बचाव कार्य जारी है. हालांकि कई इलाकों में रास्ते के अभाव में राहत व बचाव का काम बाधित है. वर्तमान में एसडीआरएफ की 40 टीमें राहत व बचाव कार्य में लगायी गयी हैं. वहीं, एनडीआरएफ की टीम को लाने के लिए अधिकारियों की टीम दरभंगा एयरपोर्ट के लिए रवाना हो चुकी है. जबकि सीएम के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने रविवार की शाम सीतामढ़ी पहुंच कर राहत व बचाव कार्य की कमान थाम ली है. उधर, सोमवार की शाम बेलसंड में कई स्थानों पर बागमती नदी में रिसाव शुरू हो गया है. इससे तटबंध के टूटने का खतरा मंडरा रहा है.
राहत व बचाव कार्य
युद्ध स्तर पर जारी
पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पूर्णिया प्रमंडल के बाढ़ग्रस्त चारों जिलों पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ से हुई तबाही को देखा. हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर में पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि जो इलाके बाढ़ से पीड़ित हैं, वहां राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. रविवार से ही इन इलाकों में राहत व बचाव के लिए
कहा-राहत व
सारे काम युद्ध स्तर पर किये जा रहे हैं. जो कुछ भी राहत के लिए जरूरी है, वे सारे काम किये जायेंगे. वायुसेना के हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट गिराये जा रहे हैं. हमने जो पूरी स्थिति देखी है, उससे लगता है कि नेपाल और उससे जुड़े बिहार के इलाके में भारी बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि पानी का प्रवाह, खासकर महानंदा नदी, कनकई नदी में बहुत तेज था. गांवों में भी पानी घुसा है. सड़कें भी नष्ट हुई हैं. इससे ऐसा लगता है कि फ्लैश फ्लड के बाद जो नुकसान होता है, उसी तरह का नुकसान देखने को मिला है.
सीएम ने कहा कि फ्लैश फ्लड में अचानक तेज गति से और ज्यादा पानी का बहाव हुआ, वह सड़कों को भी तोड़ता है, पुलों को भी नुकसान पहुंचाता है. हमने आज देखा है कि काफी सड़कें टूटी हैं. पुलों पर भी कई जगह असर देखा है. जो फोर लेन सड़क है, वहां भी महानंदा नदी के ऊपर पुल में भी प्रिकॉशन के तौर पर ट्रैफिक को रोकना पड़ा है. सीएम ने कहा कि चंपारण और सीतामढ़ी में सेना की तैनाती की जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हवाई सर्वेक्षण के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री सह पूर्णिया जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश चंद्र यादव, पूर्णिया के आयुक्त, प्रभारी सचिव का भी हवाई सर्वेक्षण करवाया है. मंगलवार को आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण कार्य के सचिव को भेज रहे हैं कि वे पूरे तौर पर देख लें कि कितना नुकसान हुआ है और किस तरह से काम करना है. सीएम ने कहा कि हमने यह भी निर्देश दिया है कि कल सभी डीएम को भी हवाई सर्वेक्षण करा कर पूरी स्थिति को उन्हें दिखा देना चाहिए, क्योंकि फील्ड में उनको काम करना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सारे काम होंगे. रिलिफ कैंप भी चलेंगे और कई जगहों पर जहां लोग रिलिफ कैंप में रहना पसंद नहीं करते हैं, उनके लिए भोजन का इंतजाम भी किया जायेगा. बाढ़ का पानी कटिहार में फैल सकता है, उसके लिए भी सब चीजों का आकलन करके तैयारी हो रही है. युद्ध स्तर पर रिलीफ का काम चला रहे हैं.
सीएम ने कहा कि हमने पूर्णिया में आपदा प्रबंधन मंत्री, प्रभारी सचिव, आयुक्त के साथ चर्चा की है. ऐसा लगता होता है कि जो पानी गांव में घुसा है, उसे निकलने में थोड़ा वक्त लगेगा. इसके लिए रिलीफ की पूरी तैयारी की है. जो भी नुकसान हुआ है, उसके लिए भी भरपाई की पूरी कोशिश करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा अररिया और किशनगंज का बड़ा हिस्सा, पूर्णिया के तीन ब्लॉक और कटिहार का एक ब्लॉक अब तक बाढ़ से पीड़ित है. लेकिन, सबसे ज्यादा पीड़ित अररिया शहर, फारबिसगंज और किशनगंज शहर है. अनेक गांवों में भी पानी घुसा है. इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है कि अररिया और किशनगंज में चारों तरफ पानी फैल सकता है. कभी लोगों का अनुभव इस प्रकार का नहीं रहा है.
केंद्र को धन्यवाद
मुख्यमंत्री ने सहायता के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा, कल ही केंद्र सरकार से एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजने का आग्रह किया था. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व रक्षा मंत्री से बात की थी. हम केंद्र काे धन्यवाद देता हूं कि जो भी हमने आग्रह किया था, वह बहुत जल्द ही सहायता मिल गयी. एनडीआरएफ की चार टीमें पहुंच गयीं. सोमवार को भी एनडीआरएफ की टीमें पहुंची हैं. सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में भी बाढ़ की स्थिति है, वहां भी एनडीआरएफ की टीम डिस्पैच की जा रही है. एसडीआरएफ व एनडीआरएफ टीम को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण से लौटने के तुरंत बाद 1, अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और पथ, आपदा प्रबंधन एवं ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.
16 अगस्त तक कोई भी ट्रेन असम नहीं जायेगी
लगातार बारिश की वजह से असम, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश कई राज्यों में हाहाकार मचा है. लाखों लोग बेघर हुए हैं. ब्रह्मपुत्र, गंगा, महानंदा जैसी बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस बीच पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने 16 अगस्त तक कोई भी ट्रेन असम व पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में नहीं भेजने का आग्रह किया है. वहीं, रेलवे ट्रैकों पर पानी भरने के बाद 11 ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं. कई का गंतव्य स्थान बदला गया है. साथ ही एनएच पर पानी भरने से सड़क यातायात भी बाधित हुआ है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र असम
16 अगस्त तक
और बिहार को पूर्ण मदद का वादा किया है.
मेरी चिंताएं बाढ़ग्रस्त लोगों के साथ : पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मेरी चिंताएं बिहार के कुछ हिस्सों में आयी बाढ़ से प्रभावित लोगों के साथ हैं. पीएमओ ने ट्वीट किया कि केंद्र बाढ़ से निबटने में बिहार को पूरी मदद का आश्वासन देता है. एनडीआरएफ की टीमें भेजी गयी हैं.
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