कैमरों में कैद होगी दलों की रैली
मोतिहारीः लोकसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों की सभा व रैली कार्यक्रम पर खुफिया विभाग की विशेष नजर रहेगी. इस तरह के कार्यक्रम में नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं व आने वाली भीड. की हरेक गतिविधियों को कैमरे में कैद किया जायेगा. राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में नेताओं के भाषण व नारेबाजी की भी रिकॉर्डिग होगी. […]
मोतिहारीः लोकसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों की सभा व रैली कार्यक्रम पर खुफिया विभाग की विशेष नजर रहेगी. इस तरह के कार्यक्रम में नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं व आने वाली भीड. की हरेक गतिविधियों को कैमरे में कैद किया जायेगा.
राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में नेताओं के भाषण व नारेबाजी की भी रिकॉर्डिग होगी. अगर रैली व सभा में भाषण या नारेबाजी से विधि व्यवस्था व समाज में शांति भंग हुआ तो कार्रवाई तय है. इस तरह के मामले में संबंधित राजनीतिक दल के अलावे नेताओं पर मुकदमा दर्ज होगा.
भीड. का होगा आकलन
राजनीतिक दलों की रैली व सभा में शामिल भीड. का आकलन भी किया जायेगा. कार्यक्रम में ग्रामीण व शहरी इलाकों से कितने लोग शामिल हुए, महिलाओं व पुरुषों की संख्या के साथ कार्यक्रम में छोटी-बड.ी कितनी गाड.ियों पहुंची, खुफिया विभाग के पदाधिकारी को इसके बारे में चुनाव आयोग को रिपोर्ट देना है.
बैनर पर भी रहेगी नजर
बैनर, पोस्टल व तख्ती पर लिखे स्लोगन पर भी राजनीतिक दलों को ध्यान देना होगा. क्योंकि बैनर, पोस्टर व तख्ती पर लिखे स्लोगन पर भी खुफिया विभाग की नजर रहेगी. उसकी भी वीडियो ग्राफी होगी और सीडी चुनाव आयोग के पास भेजा जायेगा.
प्रत्याशियों का खंगाला जा रहा इतिहास
लोस चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों का इतिहास खंघाला जा रहा है. खुफिया विभाग के पदाधिकारियों चुनाव मैदान में खड.े प्रत्याशियों के बारे में गोपनीय तारिका से छानबीन शुरू कर दी है. जितने भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं, वे इससे पहले क्या करते थे. उनकी राजनीति कैरियर की शुरुआत कब और कैसे हुई. उनके परिवार में कितने लोग हैं और क्या करते हैं. राजनीति के साथ उनका दूसरा भी पेशा है. कितने मुकदमे दर्ज है. जानकारी जुटायी जा रही है.
सेलफोन नंबर होंगे एकत्र
खुफिया विभाग के पदाधिकारी को जिले के तमाम पंचायत जनप्रतिनिधियों का मोबाइल नंबर एकत्र करने का निर्देश दिया गया है. इसमें नगर निकाय के सभापति, उपसभापति से लेकर, मुखिया, सरपंच, प्रमुख, उपप्रमुख व पैक्स अध्यक्षों का मोबाइल नंबर एकत्र कर चुनाव आयोग के पास भेजा जायेगा.