स्वीकृति के बाद भी कई योजनाएं लटकीं
मोतिहारी : सरकार और प्रशासनिक स्तर पर प्रयास के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र की कौन कहे. शहरी क्षेत्र में स्वीकृति व टेंडर के बाद करोड़ों की याेजनाएं लटकीं है. विभाग द्वारा खतरनाक घोषित मोतीझील पथ के अंग्रेजकालीन लोहे के पुल के पास छह माह बाद भी डायवर्सन नहीं बन सका है. इसके अलावा मोतिहारी नगर परिषद […]
मोतिहारी : सरकार और प्रशासनिक स्तर पर प्रयास के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र की कौन कहे. शहरी क्षेत्र में स्वीकृति व टेंडर के बाद करोड़ों की याेजनाएं लटकीं है. विभाग द्वारा खतरनाक घोषित मोतीझील पथ के अंग्रेजकालीन लोहे के पुल के पास छह माह बाद भी डायवर्सन नहीं बन सका है.
इसके अलावा मोतिहारी नगर परिषद और ढाका नगर पंचायत में नगर सरकार भवन का मामला वर्षों से लंबित है. एक ओर भवन के लिए नगर परिषद को जमीन नहीं मिल रही है, तो दूसरी ओर नप की भूमि पर कोढ़ में खाज की तरह अतिक्रमण का खेल चल रहा है. सड़कें संकीर्ण होती जा रही है.
नगर सरकार व सम्राट अशोक भवन : नगर परिषद मोतिहारी में तीन साल पहले नगर सरकार भवन की स्वीकृति हुई. बगैर भूमि करीब ढाई करोड़ का टेंडर भी हो गया. उम्मीद थी की नगर सरकार भवन के लिए जमीन मिल जायेगी. लेकिन अब तक जमीन न मिली. इसके अलावा दो दिसंबर 14 को शहर के लिए सम्राट अशोक नगर भवन की स्वीकृति सरकार द्वारा दी गयी. राशि स्वीकृत हुई करीब 20 लाख. विभाग का कहना है कि जमीन के अभाव में निर्माण कार्य अवरूद्ध है.
जमीन न मिलने के कारण शहर की कई योजनाएं लंबित हैं. नगर सरकार भवन, सम्राट अशोक भवन इसके उदाहरण है. जमीन के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. जमीन मिलते निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा.
अनिल कुमार गुप्ता, कार्यपालक अभियंता
झील पथ सौंदर्यीकरण का कार्य रुका
करीब एक करोड़ 40 लाख की लागत से गायत्री मंदिर चौक से गांधी चौक तक रोड चौड़ीकरण के साथ दोनों ओर पेवर टाइल्स, फव्वारा, रोशनी आदि लगाना था. लेकिन मिट्टी कार्य में मुनाफे के खेल के साथ आगे का कार्य रोक मिट्टी कार्य का भुगतान किया गया है. विभाग का कहना है कि झीलपुल निर्माण को ले कार्य तत्काल रोका गया है. कार्य शीघ्र आरंभ होगा.
झील पथ में नहीं बना डायवर्सन
शहर को दो भागों में जोड़ एक करने वाले जर्जर झील पथ पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है. बावजूद डायवर्सन निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है.
करीब छह माह से पुल पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक है. डायवर्सन के लिए करीब 40 लाख रुपये स्वीकृत भी हुआ है. कार्य आरसीडी को करना है. कार्यपालक अभियंता ए सुमन ने बताया कि काम शीघ्र शुरू होगा. प्रक्रिया पूरी की जा रही है.